यह पहली बार नहीं है कि JNU से शाम ढले अचानक हिंसा की खबरें और तस्वीरें आने लगी हों, लग भाग दो साल पहले 5 जनवरी 2020 को भी JNU के छात्रों और स्टूडेंट यूनियन पर हमला हुआ था। 10 अप्रैल, 2022 को ये फिर हुआ, लेकिन इस बार कारण नया था..हालांकि शायद अप्रैल के पहले दिन से ही पूरे देश में इसकी पटकथा लिखी जा रही थी।
हुआ क्या था?
इस बार कारण है अपनी मर्ज़ी के खाने का, बीती दिन रविवार को राम नवमी यानि नवरात्र का आखरी दिन इस मौके पर JNU के कावेरी हॉस्टल में ABVP के कार्यकर्ताओं ने हवन का आयोजन किया था। क्योंकि दिन रविवार का था तो JNU के हर हॉस्टल के मेस में नॉन-वेज खाना बनना था जिसका विरोध ABVP ने किया। हवन ख़त्म होने का बाद यह विरोध उग्र होने लगा। जो सप्लायर हॉस्टलों में मीट सप्लाई करते हैं उनके साथ भी मार पीट और बदसलूकी की गई। इसके बाद लेफ़्ट से जुड़े छात्र “राइट टू फ़ूड” का नैरा लगते हुए कावेरी हॉस्टल पहुँचे जहाँ माहौल काफी तनाव पूर्ण था। इसके बाद की घटना में बताया जा रहा है कि एबीवीपी के पुरुष सदस्यों ने आईसा की महिला सदस्यों के साथ भी मारपीट और बदसलूकी की।
क्या कहते हैं लेफ्ट छात्र संगठनों के सदस्य
पूरी जानकारी के लिए हमने JNU SU सदस्य अपेक्षा से बात की वे बताती है कि ऐसा नहीं कि हॉस्टल में पहले बार नॉन-वेज बन रहा हो JNU के हर हॉस्टल में हर रविवार नॉन-वेज बनता है और ABVP समेत ज़्यादातर लोग खाते भी हैं। ऐसा पहली बार है कि किसीने नॉन-वेज पर विरोध जताया है, हमें कोई क्यों बताएगा कि हमें क्या खाना है क्या नहीं। सब से पहले तो करीब 3 बजे जो सप्लायर हॉस्टल में मीट सप्लाई करते हैं उनके साथ ABVP के कार्यकर्ताओं में मार पीट की और उन्हें भगा दिया, इसकी जानकारी जब हमें मिली तो हम भी कावेरी हॉस्टल पहुंचे तो माहौल काफ़ी गंभीर था ABVP की ओर से भद्दी टिप्पणियां और गलियां दी जा रहीं थी पर शाम होते होते स्थिति बिगड़ती गई करीब 30 से 50 ABVP के सदस्यों ने हम पर ट्यूबलाइट, ईंटों और डंडों से हमला किया, जिसके चलते MA थर्ड ईयर की छात्र अख़्तरिस्ता अंसारी का सर फट गया।
#SOSJNU
Friends, ABVP does it again. First they tried to impose non veg ban to everybody in Kaveri Hostel, and when common students stood up against #FoodFascism, the Sanghi goons resorted to all out violence. Students are facing serious wounds. pic.twitter.com/ahcBljYhWg— AISA (@AISA_tweets) April 10, 2022
हमने बात हिस्ट्री स्कॉलर और AISA की सदस्य डोलन सामंता से भी की उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रकरण को पुलिस मूक दर्शक बन कर देखती रही उन्होंने कुछ नहीं किया ऐसा लग रहा था की वे बस अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने के लिए मोके मौजूद थे। जिस वक्त हिंसा हो रही थी तो सभी लड़कियों ने सब से आगे जा कर ह्यूमन चेन बना ली यह सोच कर की लड़कियों को हाथ अगने से पहले काम से काम एक सोचेंगे। पर हम गलत थे ABVP के लोगों ने हमारा हाथ पकड़ कर हमें अपनी तरफ खींचा मारा और शरीर के निजी अंगों को छुआ गया। खुद मेरे साथ यह हुआ है, BA थर्ड ईयर का एक छात्र विक्रम उसने मुझे अपनी तरफ खींचा मेरा हाथ मरोड़ा और मुझे कई जगह छुआ। जब वह ये कर रहा था तो उसके बाकी साथी ज़ोर ज़ोर से नारे लगा कर चिल्ला कर उसका समर्थन कर रहे थे। डोलन बताती हैं कि वे इसकी शिकायत NCW (राष्ट्रीय महिला आयोग) में करेंगे।
Dolan of @aisajnu gives detail about what happened today in the university. Fascist ABVP brutally attacked students in Kaveri hostels who were eating non veg. pic.twitter.com/Lhf3TBWage
— AISA (@AISA_tweets) April 11, 2022
डोलन अपनी घायल साथी के बारे में बताती है, “अख़्तरीसता के सर में ईंट मारी है उनका सर फैट गया पर फिर भी उन्हें हॉस्पिटल लेजाने के लिए निकलने की जगह नहीं दी गई, मजबूरन हमें कावेरी हॉस्टल के पीछे की रेलिन उन्हें घायल हालत में कुदा कर हॉस्पिटल ले जाना पड़ा मुझे खुद बुरी तरह पीटा गया मेरे पैर और हाथ में काफ़ी चोट आई है।”
एबीवीपी ने कहा..
इस घटना के बारे में हमने ABVP का भी पक्ष जान्ने की कोशिश की पर कोई भी ऑन रिकॉर्ड बात करने को राज़ी नहीं हुआ। पर ABVP की प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि लेफ्ट दलों से जुड़े छात्रों ने हवन में बाधा डालने की कोशिश की थी और हवन में शामिल होने आए छत्रों के साथ मार पीट भी की गई।
Politicisation of RamNavmi and Iftaar celebrations by Left Organisations.
ABVPs official statement#Hinduphobicleft#AntiHinduLeft pic.twitter.com/gSUkzauvrs— ABVP JNU (@abvpjnu) April 10, 2022
इस ही कड़ी में हमें कुछ ट्वीट्स भी मिले जिसमे एक वीडियो थी, वीडियो में दिव्या नाम की छात्रा बता रही हैं कि वे अपनी एक दोस्त के साथ हवन में शामिल होने आई थी और लेफ़्ट दलों से जुड़े छात्रों ने उन पर कांच से हमला और उनके हाथ में चोट आई, एक वीडियो और मिला जो ABVP के वेरिफ़िएड ट्विटर हैंडल से शेयर हुआ था जिसमें बताय जा रहा है कि एक लड़के हाथ पर कांच की बोतल तोड़ कर हमला किया हाय। ABVP JNU के अकाउंट पर एक वीडियो यह भी मिला जिस में एक संत्री टी-शर्ट पहने एक युवक कुछ लोगों पर पत्थर फेंक रहा है, वीडियो पर कैप्शन लिख कर बताया गया कि युवक SFI सदास्त हरेन्दर शर्मा है इस वीडियो को शेफ़ाली वैद्य ने भी रीट्वीट किया।
#JNU student Divya was greviously injured with a broken glass bottle as she arrived to attend the #RamNavami havan on the JNU campus.
#ABVP students were subjected to lewd abuses by AISA & SFI goons.And with that, the pseudo-secular brigade has gone into hibernation!!
1/2 pic.twitter.com/tiHi5hMN1Y
— Priti Gandhi – प्रीति गांधी (@MrsGandhi) April 10, 2022
क्या यह अचानक हुआ?
यह कोई अचानक हुई घटना नहीं है, यदि आप ख़बरों पर ध्यान देते हों तो पाएंगे कि बीते कई दिनों से ऐसी घटनाएं हो रहीं हैं जहाँ मीट का व्यापार करने वालों को निशाना बनाया जारहा है। अप्रैल की शुरुआत से ही ये माहौल बनाते हुए, समुदाय विशेष की मीट की दुकाने बंद करवाई जा रहीं हैं। किसी जगह मुस्लिम युवक जो वेज बिरियानी बेच रहा था उसकी भी ठेली पलट दी जाती है, कहीं कोई महंत – मस्जिद के सामने जाकर मुस्लिम महिलाओं के लिए रेप की धमकियां देता है तो किसी जगह किसी गरीब ठेलेवाले के तरबूज़ पलट कर फोड़ दिया जाते हैं।
हालांकि जो लोग इसका समर्थन करते हैं और जिन्हें मांसाहारी खाने से इतनी आपत्ति है वे यह सवाल क्यों नहीं पूछते कि क्यों भारत ब्राज़ील के बात दुनियाँ का सब से बड़ा बीफ़ (भैंस का मीट) निर्यातक बना बैठा ? और वे क्यों इस तथ्य से अनभिज्ञ हैंकि भारत की 70% आबादी मांसाहारी खाना, खाना पसंद करती है। यदि उन्हें यह बात नहीं पता तो वे सच में चट्टान के पीछे रह रहे हैं और यदि पता है तो इसका कारन महज़ मीट से समस्या नहीं है।