बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर सरकार पर जमकर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की है। लखीमपुर समेत पूरे तराई इलाके में बाढ़ आई हुई है और लोगों को पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है। इसी संबंध में वरुण गांधी ने कहा है कि अगर ऐसी आपदा की घड़ी में भी सरकार लोगों की मदद के लिए आगे नहीं आती और लोगों को अपनी मदद खुद करनी पड़ेगी तो ऐसे में किसी सरकार की क्या जरूरत है।
वरुण गांधी पीलीभीत के पूरनपुर क्षेत्र में बाढ़ पीडितों के बीच पहुंचे..
दरअसल, पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण नदियों में पानी आ गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। लोगों के घर और खेत समेत पूरी पूंजी पानी में डूब गई है और लोगों के पास सिर छिपाने की जगह नहीं है। ऐसे में लोग सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहारे ही रह गए हैं। अधिकांश लोगों को इस समय उचित सहायता नहीं मिल रही है।
इस बीच पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी पीलीभीत के पूरनपुर क्षेत्र में बाढ़ पीडितों के बीच पहुंचे। सांसद व्यक्तिगत रूप से लोगों तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से प्रशासनिक स्तर पर दी जा रही मदद के बारे में भी जानकारी ली है। वरुण गांधी ने बाढ़ पीड़ितों को अपने हाथों से हर संभव मदद प्रदान की। वे लोगों को सूखा राशन, पीने का पानी और नकद आर्थिक मदद भी मुहैया करा रहे हैं।
ट्वीट कर कहा -सरकार की क्या जरूरत है?
वरुण गांधी ने गुरुवार को एक ट्वीट कर कहा कि पूरे तराई का अधिकांश भाग बुरी तरह से जलमग्न है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए कहा कि सूखा राशन हाथ से दान करना ताकि कोई भी परिवार इस आपदा के समाप्त होने तक भूखा न रहे। यह देखकर बहुत दुख होता है कि ऐसे समय में भी लोगों को सरकार की ओर से मदद नहीं मिल रही है। उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे वक्त में भी लोगों को अगर अपनी मदद खुद ही करनी है तो सरकार की क्या जरूरत है?
Much of the Terai is badly flooded. Donating dry rations by hand so that no family is hungry till this calamity ends. It’s painful that when the common man needs the system the most,he’s left to fend for himself.If every response is individual-led then what does ‘governance’ mean pic.twitter.com/P2wF7Tb431
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 21, 2021
इसे पहले भी वरुण गांधी लगातार अपनी पार्टी की बीजेपी सरकार की कमियों को उजागर करते रहे है। वह किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाते रहे हैं। लखीमपुर की हिंसा,गन्ना समर्थन मूल्य बढ़ाने जैसे मुद्दों पर सरकार से किसानों की बात सुनने की अपील करते रहे हैं।