यूपी: प्रदूषण के कारण कानपुर में दो रोगियों की मौत, सीओपीडी और अस्थमा का अटैक बढ़ा, फेफड़े हुए काले!

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प्रदूषण इस आधुनिक युग की गंभीर समस्याओं ने से एक है और दिवाली के बाद वायु प्रदूषण का जो आलम है वह चिंताजनक है। वायु प्रदूषण सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि यूपी के कानपुर में भी अपना कहर बरपा रहा है। वातावरण में मौजूद प्रदूषण से लोगों के फेफड़े काले हो रहे हैं, जिसके कारण थूकने पर काला बलगम निकल रहा है। इसके साथ ही सीओपीडी (chronic obstructive pulmonary disease) के मरीजों को सेकेंडरी इंफेक्शन भी हो रहा है। इससे दो और मरीजों की मौत हो गई है।

यह है मरीजों का हाल..

प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत पुराने मरीजों पर भारी पड़ रही है। वही, हैलट में किडनी, लीवर फेल के मरीजों को भर्ती किया गया। सीओपीडी के मरीज वेंटिलेटर पर हैं। हैलेट ओपीडी सांस के मरीजों से खचाखच भरी रही। इसके साथ ही सीओपीडी, अस्थमा के मरीजों की हालत और खराब हो गई। सीओपीडी के एक मरीज को हैलेट इमरजेंसी में फेफड़ों में कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर ज़्यादा होने के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया है। मरीज़ मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा के अधीन है। कुछ मरीजों की किडनी और लीवर फेल हो गए हैं। दो महिलाओं समेत तीन मरीजों को ब्रेन अटैक आया। ओपीडी स्तर पर इलाज करा रहे दो मरीजों की मौत हो गई।

  •  एक 58 वर्षीय कल्याणपुर निवासी की सीओपीडी से मौत हो गई और उन्हें निमोनिया भी हो गया था।
  • दूसरे बाबूपुरवा के चमड़ा कारीगर निजाम (55) की सीओपीडी से मौत हुई। उनकी किडनी भी खराब हो गई थी।

इससे पहले रविवार को भी दो मरीजों की मौत हुई थी। सीओपीडी के अटैक के साथ ही इनके शरीर में भी कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई थी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. एसके कटियार ने बताया कि प्रदूषण के कारण समस्या बढ़ी है। सीमा रेखा पर रहने वाले मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत है।


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