मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी इस समय हुकूमत की आंखों को किरकिरी बानी हुई है। इस यूनिवर्सिटी में सभी धर्मों के युवा शिक्षा लेते हैं। सिर्फ़ यूनिवर्सिटी ही नहीं, जौहर ट्रस्ट से संचालित होने वाले रामपुर पब्लिक स्कूल, रामपुर किड्स स्कूल पर भी जिला प्रशासन द्वारा लगातार चलती क्लासों के बीच भय का माहौल बनाया जा रहा। योगी सरकार नहीं चाहती है कि देश के युवाओं विशेषकर अल्पसंख्यक युवाओं के हाथों में क़लम हो, युवा क्या पढ़ेंगे, कैसे पढ़ेंगे यह भी सरकार तय करना चाहती है, इसीलिये पिछले दिनों आनन-फ़ानन में उतर प्रदेश सरकार द्वारा प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल लाया गया, जिससे निजी विश्वविद्यालयों पर सरकार दबाव बना सके।
मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में ज़मीन के विवाद को उस समय खड़ा किया गया, जब विश्वविद्यालय में नये सत्र के एडमिशन चल रहे हैं। अभी पिछले दिनों ही ज़िला प्रशासन ने जौहर यूनिवर्सिटी का पानी का कनेक्शन तक काट दिया। प्रदेश के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय पर इस तरह के हमले सरकार की द्वेषपूर्ण और तानाशाही पूर्ण मंशा के उदाहरण हैं।
राज्यसभा सांसद और मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की प्रो वाइस चांसलर डॉ. तंज़ीन फ़ातिमा ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिये देशभर के शिक्षाविदों, बुद्धजीवियों, संविधान और लोकतंत्र में भरोसा रखने वालों से को बचाने की अपील की है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही देश भर में शिक्षण संस्थानों पर हमले बढ़े हैं, उसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रामपुर के जौहर अली ट्रस्ट से संबद्ध शिक्षण संस्थानों को लगातार निशान बनाया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों के प्रति इस तरह का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी जो की उत्तर प्रदेश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है ,उस पर सरकार के हमले बढ़ गये हैं, मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की ज़मीन को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है ताकि यूनिवर्सिटी को नुकसान पहुंचाया जा सके और शिक्षण कार्य को बाधित किया जा सके, ऐसे समय में जबकि यूनिवर्सिटी में नये सत्र के एडमिशन चल रहे हैं। पिछले दिनों जिला प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय के गेट को गिराने का प्रयास भी किया गया पर भारी विरोध के चलते प्रशासन को वापस लौटना पड़ा था।
तानाशाही और भय का माहौल बनाने के लिये रामपुर पब्लिक स्कूल जोकि जौहर ट्रस्ट के अंतर्गत आता है उसे भी बंद करने, बच्चों /स्टॉफ को जिला प्रशासन द्वारा भयभीत करने का लगातर प्रयास किया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों के प्रति इस तरह का रवैया बेहद अमानवीय है।
गौरतलब है कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के चांसलर समाजवादी लीडर मोहम्मद आज़म खान हैं। पिछले दिनों केंद्र में भाजपा ने बहुमत हासिल किया लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद रामपुर संसदीय सीट पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मो. आज़म खान ने 1 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की।
हाल में हुए लोकसभा चुनाव में रामपुर में बीजेपी ने लोकसभा सीट जीतने के लिये तमाम हथकंडे अपनाये, लोगों को मारा-पीटा, अल्पसंख्यक समुदाय को जिला प्रशासन की मदद से डराया-धमकाया गया, ताकि वो वोटिंग के लिए न निकले, डर व भय का माहौल बनाया गया, पर अपनी तमाम कोशिशों बीजेपी रामपुर लोकसभा सीट बड़े अंतर से हार गयी।
रामपुर लोकसभा हारने के बाद सरकार का और भी अमानवीय चेहरा सामने आया, जिला प्रशासन लगातार वहाँ लोगों को प्रताडित करने का काम कर रहा है, सपा समर्थित लोगों को झूठे मुकदमों में फंसा कर जेलों में डाला जा रहा है।
सपा की राज्यसभा सांसद तंज़ीन फ़ातिमा जी का कहना है कि सरकार और प्रशासन द्वारा लोगों को दबाव में लेकर औऱ भड़काकर जबरदस्ती ये मुक़दमे जिला प्रशासन द्वारा लिखवाये जा रहे हैं जबकि 12 साल पहले ये ज़मीने जौहर ट्रस्ट द्वारा ख़रीदी गयी जिनका ट्रस्ट द्वारा चेक से भुगतान किया गया था।
उत्तर प्रदेश के पूर्व अपर महाधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने रामपुर जिला प्रशासन द्वारा सपा सांसद आजम खान को भू माफिया घोषित किए जाने के फैसले को गैरकानूनी बताया है।
ऐसे में जब एक तरफ़ प्रधानमंत्री शिक्षा को लेकर बड़े 2 वादे कर रहे हों, वहीं दूसरी विश्वविद्यालय को निशाना बनाया जाना सराकर की मंशा पर सवाल खड़े करती है।
राज्यसभा सांसद तंज़ीन फ़ातिमा ने कहा कि हम बच्चों के हाथों में क़लम देना चाहते हैं, उन्हें शिक्षा देना चाहते हैं जिसकी सज़ा में हम पर मुक़दमे दर्ज कर हमारे मनोबल को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, हम इस ज़ुल्म की खिलाफ और विश्वविद्यालय को बचाने की लड़ाई सड़क से संसद और न्यायालय तक लड़ेंगे।
हमारी देश भर के शिक्षाविदों, बुद्धजीवियों और अमनपसंद लोगों से अपील है कि शिक्षा के मंदिर को बचाने की लड़ाई में वो साथ खड़े हों।