यूपी: सुलतानपुर में एक युवती पर घर में घुसकर युवक ने फेंका तेज़ाब, हालत गंभीर!

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अपराध मुक्त राज्य का दावा करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में एक युवक ने 18 साल की युवती पर उसके घर जाकर तेजाब फेंक दिया और वहां से फरार हो गया। युवती को हालात गंभीर है उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गांव में हड़कंप..

यह घटना सुलतानपुर जिले के थाना कादीपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भूपतीपुर में बुधवार को हुई। इस घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। पीड़िता के परिजनों ने इसे एकतरफा प्रेम प्रसंग का मामला बताया है।

आरोपी के परिजनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया..

पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि थाना करौंदीकला क्षेत्र के पाकड़पुर निवासी 20 वर्षीय पवन गौतम ने अपने घर के बरामदे में लेटी युवती पर बोतल से तेजाब डाल दिया, जिससे वह बुरी तरह झुलस गई। पीड़िता के परिजनों ने इसे एकतरफा प्रेम प्रसंग का मामला बताया है। उन्होंने कहा कि आरोपी तेजाब फेंक कर फरार हो गए। हालांकि आरोपी के परिजनों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया है। जल्द उसे पकड़ लिया जायेगा।

पहले कोई कानून नहीं था..

यह कोई आखिरी या पहला मामला नही है जब एसिड फेक कर किसी लड़की की पहचान छीन ली गई हो, ऐसे अंगिरत मामले है और होते भी रहेंगे जब तक इसे लेकर रूल और सरकार सख्त नही होती। एसिड अटैक का एक मामला 22 अप्रैल, 2005 में लक्ष्मी के साथ हुई था। जो काफी सालों तक कोर्ट में चला। जिसके बाद इन हमलों के लिए एक अलग कानून बनाया गया। बता दें कि 2013 से पहले तक भारतीय दंड संहिता के तहत एसिड अटैक को अलग अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया था बल्कि आईपीसी की धारा 326 (गंभीर रूप से जख्मी करना) के तहत ही मामला दर्ज होता था। पुराने कानून के मुताबिक 10 साल या उम्र कैद की सजा का प्रावधान था।

अपराध श्रेणी 326ए और 326बी में ऐसे मामलों को रखा गया..

एसिड अटैक को लेकर कानून को सख्त बनाने के लिए फरवरी 2013 में हुए संशोधन के तहत इसे आईपीसी के तहत अलग अपराध श्रेणी 326ए और 326बी में रखा गया। आपको बता दें कि एसिड अटैक को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को एसिड की बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने को भी कहा था। लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाए देखने को मिलती हैं। उत्तर प्रदेश के सीएम यूपी में महिलाओं को सुरक्षित बताते हैं। यह ऐसिड अटैक की घटना भी इसी यूपी की हैं। जहां बाहर तो छोड़ ही दें, घर में भी महिलाएं सुरक्षित नही हैं।

सात लाख रुपए एसिड अटैक के मामलों मे मुआवजा..

ऐसी घटनाओं से न सिर्फ चेहरा बल्कि आत्मा भी झुलस जाती है। ऐसे हादसों को अपराध की अलग श्रेणी में रखने के बाद भी मामले कम नहीं हुई। बता दें कि अटैक की शिकार महिला को इलाज और पुनर्वास के लिए 3 लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान भी है। हालांकि सात लाख रुपए एसिड अटैक के मामलों मे मुआवजे की राशि है, जिसे नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (एनएलएसए) ने तय किया है।

पाकिस्तान में आतंकवादी निरोधी अदालत में चलते हैं ऐसे मामले..

आपको बता दें कि आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान भी एसिड अटैक के मामले को काफी गंभीरता से लेता है। पाक में ऐसे मामले आतंकवादी निरोधी अदालत में चलते हैं। वहीं तेजाब हमले के दोषियों को 10 साल कैद और 10 लाख जुर्माने का प्रावधान है।


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