उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार की सुबह विधानसभा के सामने खाद्य रसद विभाग के अधिकारियों से परेशान एक युवक ने आत्मदाह की कोशिश की है। युवक ठाकुरगंज निवासी है उसकी पहचान नरेंद्र मिश्रा के नाम से हुई। नरेंद्र ने खुद पर मट्टी का तेल डाल कर आत्मदाह का प्रयास किया। इससे पहले की युवक खुद को आग लगाता विधानसभा की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की नज़र उस पर पड़ी और तुरंत उसे दबोच लिया गया और पुलिस की गाड़ी में बैठा लिया गया। उसे आत्मदाह करने से रोका पर उसने खाद्य एवं रशद विभाग के बड़े अफसरों पर 1 करोड़ 25 लाख रुपये के ग़बन का आरोप लगाया है।
ऐसे किया गया फैसों का ग़बन..
नरेंद्र का कहना है सरकार की ओर से गरीबों को जो राशन वितरित किया जा रहा है। उस राशन आपूर्ति का पूरा टेंडर मेरी पत्नी के नाम पर है। जहां से सरकारी दुकानों पर राशन पहुंचाया जाता है। लेकिन मेरे फार्म के नाम से फर्जी अकाउंट खोलकर खाद्य रशद विभाग के अधिकारियों ने 1 करोड़ 25 लाख 83 रुपये का ग़बन किया है।
अधिकारियों के साथ इंस्पेक्टर की भी मिलीभगत..
पीड़ित ने बताया कि आरएफसी नरेंद्र मिश्रा, डिप्टी आरमो आदित्य सिंह व एक अन्य अधिकारी ने यस बैंक से फर्जी अकाउंट के जरिए पैसे निकाल लिए हैं। वहीं इस जालशाज़ी में पीड़ित ने तालकटोरा के इंस्पेक्टर संजय राय पर भी इन रशद विभाग के अधिकारियों के साथ मिले होने का आरोप लगाया है। पीड़ित युवक का कहना है की इंपेक्टर संजय ने फर्जी मामले में मुकदमा दर्ज मेरी पिटाई की और मुझे जेल डाल दिया था। वहीं पीड़ित ने आगे कहा की, सभी सबूत मेरे पास हैं। इंसाफ़ न मिला तो जान देने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। इस मामले में पुलिस अधिकारियों के मुताबिक युवक के आरोपों की जांच करायी जाएगी।