गंगा मिशन चीफ़ ने अपनी किताब में लिखा- दूसरी लहर में गंगा बन गई थी शवों का डंपिंग ग्राउंड!

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कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की जाने किस कदर गई यह बताने की शायद ही जरूरत है। श्मशान और कब्रिस्तान के बाहर कतार में लगी लाशें, अस्पतालों में अपने मरीजों को एडमिट करने की होड़ और लाशों से पटी गंगा शायद ही किसी को याद ना हो कि गंगा में किस तरह तैरती लाशों ने सबको बेचैन कर दिया था। हालांकि इसे सरकारों द्वारा छुपाने की कोशिश की गई कहा गया कि गंगा में लाश बहाने की परंपरा भी है।

राज्यों के साथ-साथ केंद्र ने भी गंगा में शव फेंके जाने की घटनाओं पर बहाने बनाए। कुल मिलाकर अपनी नाकामियों को छुपाने की और लीपापोती करने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन अब नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के प्रमुख राजीव रंजन मिश्रा और सहयोगी पुष्कल उपाध्याय द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई किताब में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा को मृतकों के लिए आसान डंपिंग ग्राउंड बनाया गया था।

राजीव रंजन मिश्रा IAS अधिकारी भी हैं..

आपको बता दें कि राजीव रंजन मिश्रा 1987 बैच के तेलंगाना कैडर के IAS अधिकारी हैं, वे पिछले 5 वर्षों से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से जुड़े हुए हैं। मिश्रा 31 दिसंबर, 2021 को अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। राजीव रंजन मिश्रा की ‘गंगा: रीइमेजिंग, रिजुवेनेटिंग, रीकनेक्टिंग’ नामक पुस्तक को गुरुवार 23 दिसंबर को लॉन्च किया गया। पुस्तक की लॉन्चिंग प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष विवेक देबरॉय ने किया।

क्या कहा गया है पुस्तक में?

मिश्र और उपाध्याय द्वारा लिखित इस पुस्तक में एक खंड में गंगा में तैरते शवों का उल्लेख है। इसमें गंगा पर कोरोना महामारी के असर बताया गया है। किताब में कहा गया है कि ऐसा लग रहा था कि नदी को बचाने के लिए 5 साल के प्रयास कुछ ही दिनों में व्यर्थ हो जाएंगे। आगे किताब में कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान शवों की संख्या कई गुना बढ़ गई थी, जिससे यूपी-बहार में जिला प्रशासन, श्मशान घाटों की कार्यकुशलता काफी प्रभावित हुई थी।

इसलिए शवों को फेकने के लिए गंगा को एक आसान डंपिंग ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल किया गया। आगे पुस्तक में लिखा गया है कि मीडिया ने गंगा में फेंके गए शवों की संख्या 1000 बताई, जो सही नहीं थी। यूपी सरकार के अधिकारियों ने केंद्र को बताया था कि ऐसे केवल 300 थे। साथ ही यूपी के सिर्फ 2 जिलों कन्नौज और बलिया में शव फेंकने के मामले सामने आए थे। बिहार में मिले शव भी यूपी से आए थे।

योगी जी को प्रदेश से माफी मांगनी चाहिए: प्रियंका गांधी

इसे लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार को घेरा हैं और उन्हें इसके लिए जनता से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, कोरोना की दूसरी लहर के वक्त उप्र की जनता असहनीय पीड़ा में थी व सरकार सच छिपाने के लिए गंगा किनारे दफनाए गए शवों से रामनामी हटाने और गंगा में तैरते शवों की सच्चाई छिपाने में व्यस्त थी। योगी जी को प्रदेश से माफी मांगनी चाहिए और पीड़ित परिवारों को तुरंत मुआवजा देना चाहिए।


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