नरसंहार के बाद विपक्ष सक्रिय, आज घोरावल पहुंच रही हैं प्रियंका गांधी
निष्पक्ष जांच हुई तो ज़मीन विवाद में नपेंगे कई अफ़सर
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में दो दिन पहले हुए दस गोंड आदिवासियों के नरसंहार की कहानी धीरे-धीरे खुल रही है। इस जघन्य हत्याकांड में दायर एफआइआर की प्रति मीडियाविजिल को प्राप्त हुई है। इसमें 28 लोगों के खिलाफ नामजद और 40-50 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 34, 147, 148, 149, 307, 302 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(5) के तहत मुकदमा (संख्या 78) थाना घोरावल में पंजीकृत कराया गया है। मुकदमा लल्लू सिंह वल्द रामसुन्दर की ओर से दर्ज कराया गया है।
इस हत्याकांड में घायल दो दर्जन लोगों का विभिन्न जगहों पर इलाज जारी है। बनारस के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती नागेंद्र ने बताया कि ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त सिंह ने अपने लोगों के साथ मौके पर पहुंचकर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू कर दी। नागेंद्र के मुताबिक मारे गए लोगों की संख्या 12 है।
यूपी पुलिस ने जारी किए अपने प्रेस नोट में 10 लोगों के मारे जाने और 24 के घायल होने की बात कही है जबकि घटना में शामिल 12 लोगों को गिरफ्तार बताया गया है।
पुलिस कप्तान ने ब्रीफिंग में अब तक कुल 27 लोगों की गिरफ्तारी और हथियार ज़ब्ती की बात कही है। बयान में कहा गया है कि मुख्य आरोपी यज्ञ दत्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। नीवे दिए वीडियो में पुलिस कप्तान को कहते सुना जा सकता है कि घटना के तुरंत बाद मौके पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई, हालांकि पुलिस की लापरवाही की कहानी वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत ने सार्वजनिक की है।
घटना के बाद से विनीत घटनास्थल पर कार्रवाई और जांच की मांग को लेकर धरना दिए बैठे हैं। उनके मुताबिक ‘’घटना के समय वनवासियों ने सोनभद्र के एसपी व कलेक्टर से लेकर सभी आला अफसरों को फोन किए। सभी के मोबाइल बंद मिले। 100 डायल पुलिस आई पर तमाशबीन बनी रही। पुलिस के सामने ही चार वनवासियों को गोलियों से छलनी किया गया। घोरावल थाना पुलिस के अधीन वाले इस इलाके में पुलिस तब पहुंची, जब हत्यारे नरसंहार कांड रचने के बाद सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए थे।‘’
विनीत ने लिखा है, ‘’घटना के बाद मौके पर कोई प्रशासनिक अफसर नहीं गया। सत्तारूढ़ दल के किसी नेता ने भी शोक संवेदना व्यक्त करने की जरूरत नहीं समझी। अलबत्ता पुलिस नरसंहार कांड की अगुआई करने वाले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त के घर की सुरक्षा करती नजर आई। इस मामले में घोरावल पुलिस तो कटघरे में थी ही, सोनभद्र के एसपी और डीएम भी कम कसूरवार नहीं।‘’
इस बीच ग्राम उभा में मातम मचा हुआ है। औरतों की चीत्कार से गांव गूंज रहा है। किसी का बेटा मरा है तो किसी का बाप और किसी का पति। औरतों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।
दो प्रत्यक्षदर्शी महिलाओं ने घटना का पूरा ब्योरा मीडियाविजिल को देते हुए बताया कि पहले बंदूकधारियों ने आदिवासियों को भगाने के लिए जामुन के पेड़ पर गोली चलाई। उसके बाद वे सीधे निशाने पर लेकर ग्रामीणों को गोली मारने लगे।
जिस जामुन के पेड़ का जि़क्र उक्त महिला ने वीडियो में किया है, यही वह जगह है जहां नरसंहार को अंजाम दिया गया है।
अब भी पास के खेतों में लोगों की चप्पलें बिखरी हुई दिखाई दे रही हैं जिससे पता चलता है कि गोलीबारी के वक्त लोग अपनी जान बचाकर भागते हुए मारे गए।
घटना के बाद कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू मौके पर पहुंचे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सौंप दी है।
समाजवादी पार्टी ने भी इस घटना पर एक आधिकारिक बयान जारी किया है और जांच कमेटी मौके पर भेज रही है। भाकपा-माले के कार्यकर्ता भी गांव में पीडि़तों से मिलने पहुंचे थे। इस हत्याकांड पर स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह का मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर जमीन के सवाल को हल करने को कहा है।
मौके पर पहुंची मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल और पीवीसीएचआर की टीम ने कुछ अहम तस्वीरें, वीडियो आदि जारी किए हैं। पीवीसीएचआर ने घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार में एक अर्जी लगायी है जिसकी प्रति नीचे देखी जा सकती है।
पीयूसीएल ने इस मसले पर एक बयान जारी करते हुए कुछ अहम मांगें उठायी हैं।