मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन आज 116वें दिन भी जारी है। वहीं 26 मार्च के पूर्ण भारत बंद के सफल आयोजन के लिए देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रही किसान महापंचायतों में मिल रहे भारी समर्थन से यह स्पष्ट है कि 26 मार्च को पूर्णत भारत बंद रहेगा। मीडिया खबरों पर पुष्टि करते हुए SKM ने कहा है कि 26 मार्च को दिल्ली के अंदर भी भारत बंद का प्रभाव देखा जाएगा।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने बताया कि 23 मार्च को शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीदी दिवस पर दिल्ली के आसपास के धरणस्थलों पर युवा कांफ़्रेस आयोजित होंगी जिनमें शामिल होने के लिए देशभर से युवा आ रहे हैं। किसान मोर्चा ने कहा कि किसान मजदूरों के परिवार में जन्मे इन युवाओं का भविष्य अब दांव पर हैं। महिला व पुरुष नौजवान पहले से ही किसान आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। भगत सिंह के विचारों पर चलते हुए युवा इस 23 मार्च को देश के किसानों मजदूरों के हको की लड़ाई लड़ने आ रहे है।
‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने संसदीय समिति द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीएए) को तुरंत लागू किया जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है। यह गरीब लोगों की खाद्य सुरक्षा और किसानों के खरीद बढ़ाने की मांग के प्रति असंवेदनशील है। सयुंक्त किसान मोर्चा की मांग है कि ईसीएए व अन्य दो कानूनो को तुरंत निरस्त किया जाए। वह किसानों और गरीब मेहनतकश लोगों से अपील करता है कि वे 3 कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी के कानूनी अधिकारों के अपने संघर्ष को तेज करें।
किसान अधिकार यात्रा का ओडिशा के जमुना पोसी क्षेत्र में स्वागत किया गया। ओडिशा में निकाली जा रही इस यात्रा को क्षेत्रीय स्तर पर भारी समर्थन मिल रहा है।
कर्नाटक के शिवमोगा में महापंचायत के बाद, सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओ ने आज कई जगहों पर किसान नेताओं के साथ बैठक कर दक्षिण भारत में इस आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई। इन बैठकों में मंडी तंत्र को मजबूत करने सम्बधी चर्चाएं हुईं।
आज रामनगर उत्तराखंड में ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की एक महापंचायत आयोजित की गई। प्रमुख वक्ताओं में कीर्ति किसान यूनियन के राजेंद्र सिंह, बाजपुर से जगतार बाजवा, तराई किसान संगठन के तेजेंद्र सिंह विरक और अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के महासचिव डॉ आशीष मित्तल समेत कई अन्य शामिल थे। आयोजन की पहल समाजवादी लोक मंच व अन्य संगठनों ने की। किसान नेताओं ने कहा कि जंगलों व आदिवासियों तक चाहे विकास न पहुँचा हो, पर किसान आंदोलन पहुंच गया है।
21 मार्च को तेलंगाना के जिला सूर्यापेट स्थित वेलिदंडा गाँव में एक रचबंडा (महापंचायत) कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुटैया में भी आयोजित महापंचायत में हज़ारों किसानों ने भाग लिया।
ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के नेता सत्यवान ने मुजफ्फरपुर के साइंस कॉलेज में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि तीन काले कृषि कानून और बिजली संशोधन बिल 2020 एक ही उद्देश्य से यानी किसानों की खेती और जमीन पर कॉरपोरेट घरानों के कब्जे के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया। महापंचायत में सैकड़ों ट्रैक्टरों पर हजारों किसानों ने हिस्सा लिया, जिसमें किसानों के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिलाएं एवं खेत मजदूर शामिल थे।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि हम हरियाणा की खट्टर सरकार द्वारा वर्तमान विधानसभा सत्र में आंदोलनकारियों से संपत्ति के नुकसान के मुआवजे के बारे में पेश किए गए कानून का विरोध और निंदा करते है और इसके तत्काल रद्द करने की मांग करते हैं।
‘संयु्क्त किसान मोर्चा’ की बैठक में लिए गए फैसले
आंदोलन की आगे की रणनीति तय करने के लिए 20 मार्च को सयुंक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई जिसमें निम्न निर्णय लिए गए…
- 22 मार्च को देशभर में जिला स्तर पर जन संगठनों की बैठक की जाएगी, जिसमें 26 मार्च के पूर्ण भारत बंद को सफल बनाने की तैयारिया की जाएंगी।
- 23 मार्च को शहीद दिवस पर देशभर से दिल्ली बोर्डर्स पर आ रहे नौजवानों का स्वागत किया जाएगा।
- 26 मार्च को पूर्ण रूप से भारत बंद किया जाएगा। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रखी जायेंगी। सड़क व रेल परिवहन बन्द होगा। भारत बंद का प्रभाव दिल्ली के अंदर भी होगा।
- 28 मार्च को होलिका दहन में तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी।
- 5 अप्रैल को देशभर में FCI के दफ्तरों पर सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक घेराव किया जाएगा।