किसान बॉर्डर पर पक्के मकान न बनाएं- संयुक्त किसान मोर्चा

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मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहा आंदोलन आज 109वें दिन भी जारी रहा। इस बीच पंजाब की 32 किसान यूनियनों की 12 मार्च को हुई एक बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदर्शनकारियों को विरोध स्थलों में किसी भी स्थायी मकान का निर्माण नहीं करना चाहिए। यह निर्णय सिंघू व टीकरी बॉर्डर पर कुछ किसानों द्वारा पक्के मकान बनाने के संबंध में लिया गया।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने बताया कि लाल किले मामले से जुड़ी विभिन्न एफआईआर में गिरफ्तार 151 किसानों में से 147 किसान अब तक जमानत पर रिहा हो गए हैं।  रिहा किए गए लोगों में से कई धरना स्थलों पर वापस आ गए हैं। 4 किसानों (पंजाब से तीन और हरियाणा से एक) की जमानत का इंतजार है। पंजाब के रंजीत सिंह, जिन्हें 29 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया गया था, जिनकी जमानत अर्जी को अस्वीकार कर दिया गया था, अब उच्च न्यायालय में आवेदन करेंगे।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के कई नेता पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव प्रचार के लिए गए है, वहां मतदाताओं से आग्रह किया जा रहा है कि वे किसान विरोधी भाजपा को वोट न दें। आज, ‘संयु्क्त किसान मोर्चा’ के एक प्रतिनिधिमंडल ने सिंगुर और आसनसोल में महापंचायतों को संबोधित किया।

वहीं योगेंद्र यादव, डॉ सुनीलम समेत ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के कई नेता आज असम में थे। इन नेताओं ने गुवाहाटी में एक मीटिंग की सबोधित किया।

आज किसान नेता राकेश टिकैत के प्रयागराज आगमन पर बारा तहसील के हर्रो टोल पर सुबह से ही भारतीय किसान यूनियन और अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेतृत्व में किसानों मजदूरों की भीड़ का आगमन शुरू हो गया| लोगों ने खेती के तीनों कानूनो को रद्द करने, एवं हाल में पट्रोलियम पदार्थों की हाल में हुई बेतहाशा मूल्य वृद्धि का कड़ा विरोध किया। राकेश टिकैत ने मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गल्ला मंडी करहिया में किसान महापंचायत को संबोधित इस किसान महापंचायत में किसानों की भारी भीड़ जुटी।

किसान मोर्चा ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ कॉमन्स में एक किसान आन्दोलन पर बहस के बाद, ऑस्ट्रेलिया के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में एक बहस हो सकती है जो एक याचिका द्वारा इस मामले को सदन उठा सकती है।

आज सिंघु बॉर्डर पर थिएटर ग्रुप “द पार्टिकल कलेक्टिव” ने एक नाटक “दाना दाना इंकलाब” प्रस्तुत किया। इस नाटक में किसान आंदोलन के गीतों को भी सम्मिलित किया गया। कलाकारों ने कला के असली अर्थो को सार्थक करते हुए सरकारों के हमलों पर कटाक्ष रखे व किसान आंदोलन को खुला समर्थन दिया।

उत्तराखंड से शुरू हुई किसान मजदूर जागृति यात्रा का आज नौवां दिन था। आज यात्रा शाहजहांपुर जिले के खुटार से शुरू हुई यह यात्रा अब तक 600 किलोमीटर लंबा सफर तय कर चुकी है। यात्रा 300 से अधिक गांव कस्बे एवं 20 से अधिक शहरों से होकर गुजर चुकी है।

ओडिशा में किसान यात्रा रायगडा जिले के गुनूपुर में पहुंची, जहां उसका जोरदार स्वागत किया गया। इस बीच, 7 अलग-अलग मार्गों पर 7 किसान रथों पर 7 ‘किसान यात्रा’ आज चौथे दिन में प्रवेश कर गयी है। ये यात्राएं पूरे बिहार में किसानों को जागरूक कर रही हैं।


‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से डॉ दर्शन पाल द्वारी जारी