अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर डॉ कफील खान के साथ न्याय करने की अपील की है। उन्होंने कहा सरकार संवेदनशीलता का परिचय दे, और डॉ कफील को न्याय मिले। प्रियंका गांधी ने गुरु गोरखनाथ के कथन “मन में रहिणाँ, भेद न कहिणाँ..” का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कफील खान के साथ भेदभाव नहीं करने की अपील की है।
प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि मैं डॉक्टर कफ़ील खान का मामला आपके संज्ञान में लाना चाहती हूँ। वे अब तक लगभग 450 दिन से ज्यादा जेल में गुजार चुके हैं। डॉ कफ़ील ने कठिन परिस्थितियों में निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि मुझे उम्मीद है कि आप अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए डॉ कफ़ील को न्याय दिलवाने का पूरा प्रयास करेंगे।
पत्र के अंत में उन्होंने गुरु गोरखनाथ जी की सबदी का हवाला देते हुए लिखा है कि आपको मेरे इस निवेदन को मानने के लिए ये पंक्तियां प्रेरित करेगी-
मन में रहिणाँ, भेद न कहिणाँ
बोलिबा अमृत वाणी
अगिला अगनी होईबा
हे अवधू तौ आपण होईबा पाणीं
पत्र में इन पंक्तियों का भावार्थ लिखा है कि किसी से भेद न करो, मीठी वाणी बोलो। यदि सामने वाला आग बनकर जला रहा है तो हे योगी तुम पानी बनकर उसे शांत करो।
बता दें कि योगी सरकार ने सीएए-विरोधी आंदोलन के दौरान गत दिसंबर में अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोपों के तहत डॉ. कफील खान को जेल में बंद कर रखा है। उन्हें पुलिस का विशेष दस्ता भेजकर मुंबई हवाई अड्डे से बीती जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। इस समय वो मथुरा जेल में बंद हैं। हाई कोर्ट से उन्हें जमानत भी मिली, लेकिन ऐन मौके पर उनकी रिहाई को रोकने के लिए सरकार ने उन पर रासुका लगा दिया।
पिछली बार 29 जनवरी को गिरफ्तार हुए थे डा.कफ़ील, यानी लगभग छह महीने या 180 दिन से वे लगातार जेल में हैं। पहले भी जेल में रह चुके हैं। अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में डॉ. कफील को गिरफ्तार किया गया था। करीब 2 साल के बाद उन्हें सभी प्रमुख आरोपों से बरी कर दिया गया था। बाद में हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिलने के बाद वो जेल से रिहा हुए थे।