यूपी का व्यापमं है शिक्षक भर्ती घोटाला, आंदोलन से देंगे जवाब- प्रियंका गाँधी

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उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर यूपी सरकार घिरती हुई नजर आ रही है। शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने इसे यूपी का व्यापमं घोटाला बताते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किये और योगी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा सरकार अगर छात्रों को न्याय नहीं देगी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “68500 भर्ती मामले में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। युवाओं के आवाज उठाने के बाद पुनर्मूल्यांकन में लगभग 5000 अभ्यर्थी पास हुए थे। अब 69000 में भी भारी हेरफेर सामने आई है। सरकार को युवाओं की आवाज को भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार खत्म करने की माँग के बतौर देखना चाहिए।”

प्रियंका गांधी ने कहा कि “69000 शिक्षक भर्ती घोटाला उप्र का व्यापम घोटाला है। इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं। डायरियों में स्टूडेंट्स के नाम, पैसे का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना- ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं।

मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा।”

इसके पहले एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी ने कहा कि “शिक्षक भर्ती में जिस तरह से गड़बड़ियों के मामले सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं। ये गड़बड़ियां पूरी व्यवस्था पर ही प्रश्नचिन्ह हैं। उप्र के युवाओं का भविष्य रौंदा जा रहा है।

सरकार इन गड़बड़ियों से जुड़े सारे तथ्य सामने लाए ताकि युवाओं की मेहनत बेकार न जाए और भर्तियों की सही प्रणाली विकसित हो।”

नियुक्ति प्रक्रिया रोकने के होईकोर्ट के आदेश को यूपी सरकार ने दी चुनौती, 9 जून को सुनवाई

यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक विशेष याचिका दायर कर 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है। नौ जून को मामले की अगली सुनवाई होगी। अपील में सरकार ने कहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने संबंधी तीन जून का एकल पीठ का फैसला अवैध है।

दरअसल न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने तीन जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है।

भर्ती घोटाले का सरगना गिरफ्तार, सनसनीखेज खुलासे

उधर शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में यूपी एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस ने मुख्य सरगना डॉ. केएल पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। केएल पटेल के पास से एक डायरी बरामद की गई है, जिसमें 17 अभ्यर्थियों के नाम और रोल नंबर दर्ज हैं। इसी डायरी के आधार पर पुलिस ने शनिवार को जौनपुर के विनोद यादव व सरायममरेज के धर्मेंद्र पटेल को पकड़कर पूछताछ की, जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आईं। दोनों ने लिखित परीक्षा में पास होने के लिए 8 व 12 लाख रुपये दिए थे, जिसके बाद उन्हें अधिकतम अंक मिले थे।

वहीं इस मामले में अब तक 8 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इनके पास से 2 लग्जरी कार समेत 22 लाख रुपए औऱ कई दस्तावेज बरामद किए गये हैं। बता दें प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह की तरफ से प्रयागराज के सोरांव थाने में गुरुवार को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। राहुल सिंह से आरोपियों ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास कराने के लिए 7.50 लाख रुपए लिए थे, लेकिन 1 जून को रिजल्ट आने पर जब उसका नाम लिस्ट में नहीं आया तो उसने इन सभी से बात करना चाहता, सभी ने फोन बंद कर लिया था। इसके बाद युवक ने एफआईआर दर्ज करायी। एफआईआर के मुताबिक गिरोह के सदस्यों ने राहुल के अलावा 20 और लोगों से परीक्षा में पास कराने के लिए पैसे लिए हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने मुख्य सरगना सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।

सीबीआई जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग

न्याय मोर्चा उत्तर प्रदेश के संयोजक सुनील मार्य ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में व्यापक भ्रष्टाचार व पेपर आउट होने का मामला सामने आ गया है, जो व्यक्ति इस परीक्षा में पास होने का भी हकदार नहीं हो सकता था, वह व्यक्ति भर्ती परीक्षा में टॉप कर जा रहा है। सुनील मौर्य ने कहा कि हम लोग परीक्षा के दिन 6 जनवरी 2019 से ही गड़बड़ी के बारे में कह रहे थे, अब उसके सबूत सबके सामने आ गए हैं। अगर इसमें ठीक से जांच हो जाए तो बड़ी मछलियां भी सामने आ जाएंगी।

सुनील मौर्य ने कहा कि हम सरकार से सीबीआई जांच की मांग करते हुए भर्ती परीक्षा रद्द कर पुनः पारदर्शी परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया पूरा करने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि नई परिस्थिति में हम लोग नए तरह से न्यायालय में जाएंगे और भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की मांग करेंगे। जरूरत पड़ेगी तो सड़क पर भी प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगे।


 


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