किसान आंदोलन में शहीद नवरीत के अंतिम अरदास में शामिल होंगी प्रियंका गाँधी!


काँग्रेस की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गाँधी किसानों के मुद्दे पर मुखर हैं, उसे देखते हुए उनका नवरीत के परिजनों को ढाँढस बँधाने जाना  स्वाभाविक लगता है। इससे नवरीत को लेकर चल रही बहस भी तेज़ होगी। पुलिस का कहना है कि मौत ट्रैक्टर हादसे में हुई जबकि परिजनों का आरोप है कि गोली लगने के बाद ट्रैक्टर पलटा था।


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किसान आंदोलन को नैतिक समर्थन दे रही कांग्रेस अब सीधे मैदान में कबद गयी है। ख़बर है कि किसान आंदोलन में शहीद हुए नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए प्रियंका गाँधी कल उनके गाँव दिबदिबा जायेंगी। यह गाँव रामपुर के विलासपुर तहसील में है।

काँग्रेस सूत्रों ने अब इस ख़बर पर मुहर लगा दी है। पार्टी महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गाँधी किसानों के मुद्दे पर मुखर हैं, उसे देखते हुए उनका नवरीत के परिजनों को ढाँढस बँधाने जाना  स्वाभाविक लगता है।

प्रियंका गाँधी ने कल ही किसानों के ख़िलाफ़ किलेबंदी का वीडियो पोस्ट करके  सवाल उठाया था कि क्या पीएम मोदी ने किसानों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ दिया है।

नवरीत के घर वालों के मुताबिक 26 जनवरी को गोली लगने के बाद ट्रैक्टर पलटने से ये शहादत हुई थी,लेकिन पुलिस का दावा है कि गोली नहीं चली थी। हादसा ट्रैक्टर पलटने से ही हुआ। इस बाबत ट्वीट करने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई और मृणाल पाण्डेय समेत पाँच वरिष्ठ पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज हुआ है।

बहरहाल, इस बीच तमाम ऐसे प्रमाण आये हैं जिससे पुलिस के दावे पर संदेह गहरा गया है। मीडिया विजिल और द वायर समेत भारत की कुछ वेबसाइटों ने गंभीर पड़ताल करके कुछ सवाल उठाये हैं। लंदन से प्रकाशित अख़बार गार्जियन ने भी विशेषज्ञों के हवाले से छापा है कि नवरीत के सिर पर गोली लगी थी। दरअसल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी लिखा है कि नवरीत के चेहरे पर एक ओर दो सेेंटीमीटर का छेद है और दूसरी ओर भी। यह गोली जैसी चीज़ के ही इधर से  उधर जाने का प्रमाण है।

साफ़ है कि प्रियंका गाँधी के जाने से नवरीत की शहादत का सवाल फिर से गहरा जायेगा। आप मीडिया विजिल की यह ख़ास रिपोर्ट देखकर समझ सकते हैं कि परिजनों को अपने दावे में इतना दम क्यों लग रहा है।