कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार दोपहर प्रेस कांफ्रेंस की और प्रदेश में पुलिस के रवैये को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुलिस अराजकता फैला रही है। धर्म विशेष के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव-प्रभारी उ.प्र. श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी का धन्यवाद कि आपने काफी इंतजार किया उसके लिए आपकी आभारी हूं। श्री सलमान खुर्शीद जी ने आपको बताया कि उ.प्र. की राज्यपाल महोदया को एक ज्ञापन भेजा गया है वह दरअसल एक पूर्ण दस्तावेज है उन बातों का जिसका जिक्र आप मीडिया के लोग भी कर रहे हैं हम भी देख रहे हैं कि प्रदेश सरकार, प्रशासन और पुलिस द्वारा कई जगह अराजकता हुई है।
उन्होने ऐसे कदम उठाए हैं जिनका कोई न्यायिक या लीगल आधार नहीं है। मैं उसकी कुछ मिसालें आपको दूंगी जो कि चिट्ठी में विस्तृत रूप में लिखे हंै। इस डाक्यूमेंट में पूरी तरह से विस्तार में जानकारी है।
आप जानते हैं कि मैं बिजनौर गई थी वहां दो बच्चों की मौत हुई है एक 21 साल का, एक 22 साल का। एक बच्चे का नाम अनस, दूसरे का नाम सुलेमान है। एक लड़का काॅफी मशीन चलाता था अपने परिवार की आमदनी के लिए, वह अपने अपने पिता के साथ घर के बाहर खड़ा था, उसने अपने पिताजी से कहा कि 5 मिनट में आ रहा हूं दूध लेने जा रहा हूं।
पिताजी ने कहा कि अभी मत जाओ उधर से आवाज आ रही हैं। वह बच्चा चला गया। थोड़ी देर बाद कोई दौड़ा-दौड़ा आया और उसने कहा कि यहां गली में कोई बच्चा जो काली जैकेट पहने है की उसको गोली लगी है उसके पिताजी भागे वहां उन्हें अपने बच्चे की लाश मिली, बच्चे की लाश को लेकर अस्पताल गये, वहां पुलिस आ गई। पुलिस ने धमकाया और जहां वह रहता था वहां दफन करने से मना कर दिया और साथ ही परिवार को धमकाया कि आप एफआईआर दर्ज करोगे तो आपके ऊपर और मुकदमें होंगे। अन्त में उसको मुहल्ले से 20 किमी दूर दफनाया गया, बच्चे के पिता ने मुझसे रोते हुए कहा कि मैं अपने बच्चे की कब्र को देखने नहीं जा पाऊंगा।
21 साल का सुलेमान यूपीएससी की तैयारी कर रहा था और अपना खर्चा निकालने के लिए बच्चों को ट्यूशन भी देता था। उसे बुखार था इसलिए कुछ दिनों के लिए घर आया था। शाम को नमाज पढ़ने मस्जिद गया मस्जिद के बाहर खड़ा था परिवार का कहना है कि वहां पर खड़े लोगों ने बताया कि पुलिस ने उसे गाड़ी में बिठाया और वहां से ले गये और लगभग आधे घण्टे बाद पता चला कि एक लड़के की लाश मिली है। उसके सीने में गोली आरपार हो गई थी। लाश पर ऊपर के हिस्से पर कपड़े भी नही थे। यह लड़का वही सुलेमान था। इस परिवार पर भी पुलिस ने दबाव डाला कि आप एफआईआर नहीं करोगे। उसके पिताजी की उम्र 75 साल हैं। घर में ज्यादातर महिलाएं हैं शाम को पुलिस फिर से घर में आयी और दबाव डाला कि एफआईआर करोगे तो तुम पर केस करेंगे। यह दो घटनाएं हैं इस दस्तावेज में सभी घटनाओं के पूरी विस्तृत जानकारी है।
यहां लखनऊ में मैं दारापुरी जी के परिवार से मिलने जा रही थी वे 77 साल के रिटायर्ड आईपीएस आफीसर हैं जिनको उनके घर से गिरफ्तार किया गया। एक अम्बेडकरवादी, बेहद शालीन और उनके रहन-सहन से ही दिखा कि वे कितने ईमानदार हैं घर में हर तरफ किताबें रखी हैं। उन्होने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली जिसमें कहा कि जो भी प्रदर्शन करने जाएं शांतिपूर्वक प्रदर्शन करें। उनके घर पुलिस आयी और घर से उनको गिरफ्तार किया। उनकी 75 साल की धर्मपत्नी बीमार हैं पलंग से उठ नहीं सकतीं, रो-रोकर उनका बुरा हाल है और बार-बार कहती हैं कि उनका क्या होगा। श्री दारापुरी को ऐसी लिस्ट में डाला गया जिसमें 48 लोगों के नाम हैं उसमें हमारी कांग्रेस की प्रवक्ता सदफ जाफर भी हैं। उनके बच्चों से मैं मिलीख् 10 साल का बेटा 16 साल की बेटी अकेले घर में रह रहे हैं। कोई बड़ा बुजुर्ग नहीं है, घर में बेटी खुद खाना पकाती है रिश्तेदार हैं लेकिन साथ नहीं रहते। बच्चे अपनी मां का बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं। मां क्या कर रही थी? कौन सा बड़ा जुर्म था उसका? सड़क पर खड़ी हुई वीडियो बना रही थी प्रदर्शन चल रहा था। प्रदर्शन की वीडियो बना रही थी।
दारापुरी जी की मैं बात कर रही थी 48 लोगों के साथ उनका नाम लिस्ट में है उन लोगों पर इस तरीके के गंभीर धाराओं के केस लगाये गये हैं। जबकि श्री दारापुरी अपने घर पर थे और सदफ जाफर वीडियो बना रहीं थीं और तीसरे दीपक कबीर सदफ जाफर के बारे में थाने में पूछने गये और उन्हें अरेस्ट कर लिया गया और उन्हें भी 48 लोगों की लिस्ट में डाल दिया गया और गंभीर धाराएं लगा दी गयीं।
इसी तरह से वाराणसी में भी कई बच्चे बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के और दूसरी यूनिवर्सिटी के हैं शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे उन्होने कोई हिंसा नहीं की, उनको भी उठाकर जेल में डाला गया है उनमें राज अभिषेक सिंह, अनन्त शुक्ला, नीरज, दिवाकर सिंह, विवेक मिश्रा, रोहन कुमार, सुखचन्दन सागर, दीपक सिंह, ये सभी 24-25 साल के बच्चे हैं दिवाकर सिंह 30 वर्ष के हैं जो पीएचडी कर रहे हैं। धनंजय त्रिपाठी 32 साल के हैं यह भी पीएचडी कर रहे हैं। रवीन्द्र भारती 25 साल के है। उनके साथ सोशल एक्टिविस्ट एकता और रविशेखर जिनका 15 महीने की बच्ची घर पर अभी भी उनका इंतजार कर रही है।
यह तो वे केस हैं जिनके बारे में हम सब जानते हैं जिनका रिकार्ड है। मीडिया की रिपोर्ट और आफीशियल रिपोर्ट के मुताबिक 5500 लोग डिटेन हुए हैं, 1100 लोग गिरफ्तार हुए हैं। अनआफिसियली डिटेन किये गये लोगों की संख्या इससे ज्यादा है। कई ऐसे लोग जिस तरह सेे डिटेन किये हैं गुमनाम तरीके से, उनको मारा जा रहा है पीटा जा रहा है। इस चिट्ठी में ऐसी तमाम मिसाल हैं जहां पुलिस और प्रशासन खुद गलत काम कर रहे हैं पुलिस ने तोड़फोड़ की उसका वीडियो है। पुलिस ने कानपुर में एक माइनर बच्चे को घेर कर पीटा है उसका वीडियो है। तमाम ऐसी मिसाल हैं जिससे दिख रहा है कि मुख्यमंत्री जी ने जो बयान दिया था कि बदला लेंगे उस बयान पर ही प्रशासन और पुलिस काम कर रहा है।
देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा जब एक मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया है कि जनता से बदला लिया जाएगा। जो सम्पत्ति कुर्क करने का नोटिस मिला है उसमें दारापुरी जी जो कि रिटायर्ड पुलिस आफीसर हैं वह घर उनके पूरे जीवन भर की कमाई है। सिर्फ फेसबुक पर पोस्ट डालने की वजह से उन पर यह कार्यवाही की जा रही है।
इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने जनता से बदला लेने की बात कही है: कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी pic.twitter.com/W1EGFDhBZA
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 30, 2019
हमारा देश कृष्ण भगवान का देश है वह करूणा के प्रतीक थे। भगवान राम करूणा के प्रतीक थे। शिव जी की बारात में सब नाचते हैं। इस देश की आत्मा में हिंसा, बदला, रंज, इन चीजों के लिए जगह नहीं है। जब श्रीकृष्ण जी ने अर्जुन को प्रवचन दिया, जब महाभारत युद्ध में महान योद्धा मैंदान पर खडे़ थे तोे श्रीकृष्ण ने उनसे बदले की बात नहीं की, रंज की बात नहीं की थी, उन्होने उनमें करूणा और सत्य की भावना उभारी। उ.प्र. के मुख्यमंत्री जी ने योगी के वस्त्र धारण किये हैं भगवा धारण किया है यह भगवा आपका नहीं है यह भगवा हिन्दुस्तान की धार्मिक, आध्यात्मिक परम्परा का है। हिन्दू धर्म का चिन्ह है यह, उस धर्म को धारण करिए, उस धर्म में रंज, हिंसा, बदले की भावना की कोई जगह नहीं है। यह कहना चाहती हूं।
मुख्यमंत्री जी ने योगी के वस्त्र धारण किए हैं, भगवा धारण किया है, मगर ये भगवा आपका नहीं है। ये भगवा हिन्दुस्तान की धार्मिक, आध्यात्मिक परंपरा का है, हिंदू धर्म का चिह्न है। उस धर्म को धारण करिए। हिन्दू धर्म में रंज, हिंसा और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है: @priyankagandhi जी pic.twitter.com/bzSqyJJSUK
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 30, 2019
राज्यपाल महोदया को दिये गये ज्ञापन में हमारी चार मांगे हैं-
1. उ.प्र. सरकार के गृह विभाग और डीजीपी द्वारा तुरन्त आदेश जारी करके पुलिस और सरकार द्वारा किये जा रहे गैर कानूनी, हिंसात्मक और आपराधिक कार्यवाही को तुरन्त रोका जाए।
2. मौजूदा हाईकोर्ट के जज या सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कानूनी ढंग से शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लगाये गये आरोपों की सत्यता और तथ्य की निष्पक्ष जांच का आदेश दिया जाए।
3. न्यायिक प्रक्रिया पूरी किये बिना सम्पत्तियों को सीज करना या सम्पत्तियों की कुर्की सम्बन्धी प्रक्रिया पर तुरन्त रोक लगाई जाए।
4. शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी जो निर्दोष हैं उन पर किसी तरीके का आपराधिक और गैर कानूनी कार्यवाही न की जाए।
श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने पत्रकारों द्वारा उनके खुद की सुरक्षा की चूक के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि मेरी सुरक्षा का सवाल एक बहुत बड़ा सवाल नहीं है यह बहुत छोटा सवाल है उस पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है। आज हम प्रदेश की जनता की सुरक्षा का सवाल उठा रहे हैं आम जनता की सुरक्षा का सवाल उठा रहे हैं। मैं अपनी सुरक्षा का मुद्दा नहीं उठाऊंगी। यह बिल्कुल फिजूल का मुद्दा है इस मुद्दे से पब्लिक की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। पब्लिक को मतलब है कि आज प्रदेश में क्या हो रहा है अराजकता फैली है, किसी के पास नौकरी नहीं है बेरोजगारी फैली है, तमाम महिलाएं असुरक्षित हैं। प्रदेश में बहुत बड़े-बड़े मुद्दे हैं उन पर चर्चा करने की जरूरत है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कॉंग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी ने कहा,
'मेरी सुरक्षा का सवाल बड़ा सवाल नहीं है. मेरी सुरक्षा का सवाल बहुत छोटा सवाल है. हमारे लिए प्रदेश की जनता की सुरक्षा का सवाल सबसे बड़ा है'. pic.twitter.com/fvgODNfWpN— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) December 30, 2019
सीएए और एनआरसी के सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि भाजपा द्वारा इसके पक्ष में प्रचार करने का यह अभियान, जागरूकता का अभियान नहीं है। यह झूठों का अभियान है। सच्चाई सबने देख ली है सीएए का कानून संविधान के खिलाफ है। इससे सबको आपत्ति होगी जो गरीब हैं, श्रमिक हैं, और जो शहर में मजदूरी कर रहे है सरकार उनसे कागजात मांगेगीं, उनसे पूछेंगे कि कोई प्रमाण दिखाइये। टेलीफोन के बिल दिखाईये 1970 का कोई प्रमाण कोई कहां से लायेगा।
CAA will torment the people of India in the same way Demonetisation did: Smt. @priyankagandhi pic.twitter.com/EJbmi2Uk2q
— Congress (@INCIndia) December 30, 2019
जिस तरह से नोटबन्दी में सबको प्रताड़ित किया उस तरह से यह कानून भी सबको प्रताड़ित करेगा। इस कानून का आधार एकदम संविधान के खिलाफ है। भाजपा जोे अभियान निकालना चाहे निकालें लेकिन आज तमाम विद्यार्थी सड़क पर हैं। यह सभी पढ़े लिखे बच्चे हैं वह समझते हैं कि क्या हो रहा है। नागरिकता के प्रमाणपत्र के सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि एनआरसी वैध नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं है। एनआरसी का वैध नागरिकता के प्रमाणपत्र से कोई ताल्लुक नहीं है। यह बहाना है एनआरसी को लागू करने का और वैसे भी कांग्रेस के सारे मुख्यमंत्रियों ने कह दिया है कि एनआरसी उनके प्रदेशों में लागू नहीं होगा। आपने यह भी देखा होगा कि तमाम दूसरी पार्टियों ने भी ऐसा ऐलान किया है तो यह लागू हो ही नहीं सकता। देश में जनता ही इसे लागू होने नहीं देगी। प्रदेश में हिंसा के एक सवाल के जवाब में श्रीमती गांधी ने कहा कि मैं अपने वक्तव्य में कह चुकी हूं कि हिन्दुस्तान प्रेम, करूणा और अहिंसा का देश है।
Every Congress Chief Minister has made it clear that NRC will not be implemented in their States: Smt. @priyankagandhi pic.twitter.com/F66ciOny8N
— Congress (@INCIndia) December 30, 2019
प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि आपने देखा होगा हर बार जब-जब महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं मैं आवाज उठा रही हूं। उन्नाव का केस लीजिए इसके पहले वाला उन्नाव का केस लीजिए(कुलदीप सेंगर केस), शाहजहांपुर का केस लीजिए, मैनपुरी का केस लीजिए। प्रत्येक महिला उत्पीड़न पर कांग्रेस ने मुखरता से अपनी बात रखी है।
प्रदेश में कांग्रेस की आगामी रणनीति को लेकर हुए सवाल पर जवाब देते हुए श्रीमती गांधी ने कहा कि आगे की रणनीति बनाई जाएगी और प्रदेश सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरा जाएगा।
प्रदेश में हुई हिंसा के बाद सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाही के सवाल के जवाब में श्रीमती गांधी ने कहा कि पहले तो यह स्पष्ट होना चाहिए कि किसने पूरा प्रदेश जलाया? किन तत्वों ने यह कार्य किया? सबसे पहले तो निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जब जांच होगी तो पता चलेगा कि किसने किया है। बगैर जांच के इस तरह की कार्यवाही सरकार कैसे कर सकती है।