क्या बहुप्रचारित ‘गुजरात मॉडल’ में आम आदमी की ज़िंदगी की बेहतरी शामिल है। या फिर यह उद्योगपतियों और आँकड़ों से जुड़ी बाज़ीगरी ही है। चुनाव के समय कारोबारी मीडिया का पूरा ज़ोर जीत-हार,…
शीबा असलम फ़हमी जब उम्मीद डूबने लगती है तभी कोई हाथ ग़ैब से सहारा बन जाता है और देश जी जाता है. पिछले हफ्ते लोकसभा टीवी पर मदरसों के निसाब पर एक डिस्कशन में मैंने…
राघवेंद्र दुबे इतिहास युद्ध – 1 ************ Chanchal bhu की फेसबुक भीत ( वॉल ) से उठाकर डाली गयी , लखनऊ में रह रहे वरिष्ठ पत्रकार utkarsh sinha की एक पोस्ट पढ़ रहा हूं ।…
चंद्रभूषण इस देश में हत्या, बलात्कार, बस्तियां जला देने, लोगों को अकारण पीट-पीट कर अधमरा कर देने और जब-तब उन्हें जिंदा जला देने की घटनाएं भी होती रही हैं। भयानक हिंसा और बर्बरता…
राहुल पांडे सब तरफ से अच्छी खबरें आ रही हैं – यह कहा था पीएम मोदी ने गुजरात की एक जनसभा में जब जीडीपी और यूपी निकाय चुनाव के नतीजे आए थे। यूपी…
संजीव चंदन हिन्दी साहित्य के लिए दुर्दिन के दिन तो कम ही आते हैं लेकिन लगता है मोदी राज का साइड इफेक्ट देर से ही सही हिन्दी साहित्य को भी घेरने ही लगा…
जितेन्द्र कुमार पता नहीं मुझे अपने गांव की यह बहुत ही पुरानी कहानी क्यों बार-बार याद आती रहती है. एक बार किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति से उनकी पत्नी ने कहा कि फलां आदमी हमारे…
चंद्रभूषण तारीखें भी गजब चीज हैं। बिहार के आरा शहर में बतौर कार्यकर्ता गुजारे हुए नवंबर-दिसंबर 1992 के दिन प्याज की परतों की तरह उधड़े चले आ रहे हैं। समय ऐसा था कि…
उदय प्रकाश छह दिसंबर को ही इस खबर ने अपने ज़ाहिर होने के लिए चुना है। इस काली तारीख़ के तहख़ाने में कई ख़ामोश सच्चाइयाँ दफ़्न हैं। इसी तारीख़ में अयोध्याकांड हुआ और…
पूर्णिमा गुप्ता 5 दिसम्बर 1992 की रात बहुत ही हलचल वाली रात थी। हम सभी को पता था रात 8 बजे छत पर मशाल जलानी है और शंख नाद करना है। मैं भी…
शीबा असलम फ़हमी 6 दिसंबर 1992 की देर शाम 3 हिन्दू दोस्तों ने पापा को फ़ोन कर के शर्मिंदगी ज़ाहिर की थी. एक मित्र उठ के घर तक आये थे, जबकि दंगे की…
बाबरी विध्वंस को 25 साल हो गए। एक साल, दस साल, पचीस साल, पचास साल, सौ साल, ये सब अहम मौके होते हैं। लोग घटना को याद करते हैं और पुरानी कहानियां सुनाते…
ओम थानवी मोदी सरकार की सबसे हास्यास्पद हरकतों में एक – संस्कृति मंत्रालय ने सीबीआइ को कवि और संस्कृति-मौला अशोक वाजपेयी की ‘अनियमितताओं’ की जाँच करने को कहा है, जब वाजपेयी केंद्रीय ललित…
त्रिपुरा में पिछले दो महीने में दो पत्रकारों की हत्या के विरोध में दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ पत्रकारों समेत त्रिपुरा के…
हरे राम मिश्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने, उनके फसल लागत का पचास प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के सरकारी…
करीब छह दशक पहले शुरू हुए ‘अंग्रेज़ी हटाओ आंदोलन’ की सुगबुगाहट एक बार फिर देखने को मिल रही है। इस बार इसका केंद्र दक्षिण भारत न होकर उत्तर प्रदेश का बनारस है, जहां…
रामजी तिवारी गत दिनों उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनाव संपन्न हुए हैं। इन चुनावों के बाद कई तरह की व्याख्याएं हमारे सामने दिखाई देती हैं। पहली व्याख्या मुख्यधारा की मीडिया की…
विष्णु राजगढ़िया हर समाज में प्रगतिशील आंदोलन किसी रूप में जारी रहते हैं. भारत में मुस्लिम समाज की छवि दकियानूसी भले ही बना दी गई हो, उनमें भी प्रगतिशील आंदोलन काफी प्रभावी…
रवीश कुमार इससे पहले कि रद्दी न्यूज़ चैनल और हिन्दी के अख़बार आपको कांग्रेस बीजेपी के कबाड़ में धकेल दें, अर्थ जगत की कुछ ख़बरों को जानने में बुराई नहीं है। कुछ नया…
अवैधानिक रूप से नियुक्त लिपिक और शिक्षकों में हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों के रिश्तेदारों का नाम शामिल। फर्जी नियुक्ति के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक हरिश्चंद्र त्रिपाठी उर्फ हरीश…
अमरेश मिश्र भारत को अंबानी, अडानी, विदेशी पूंजी के हाथों बेचने और नोटबंदी को एक तरफ़ रख दें। यह इन सबसे बड़ा घोटाला है। जब हमारे जवान सरहद पर मारे जा रहे थे…
सोहराबुद्दीन केस की सुनवाई करने वाले जज बृज लोया की 2014 में हुई ‘संदिग्ध परिस्थितियों में मौत’ पर दि कारवां की स्टोरी की श्रृंखला में यह चौथी स्टोरी है जो शुक्रवार को पत्रिका…
सोहराबुद्दीन केस की सुनवाई करने वाले जज बृज लोया की 2014 में हुई ‘संदिग्ध परिस्थितियों में मौत’ पर दि कारवां की स्टोरी की श्रृंखला में यह तीसरी स्टोरी है जो शुक्रवार को पत्रिका…
अर्थव्यवस्था में भारी सुधार की खबरें फिर चल पड़ी हैं| इसकी सच्चाई को भी सरकारी प्रेस नोट के जरिये जान लेते हैं (नीचे दिया है)| नीचे वाली सारणी – खर्च के आधार पर…
अमित मंडलोई अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर तैनात एक सैनिक से बात हुई। जो कुछ सुनने को मिला उस पर यकीन करना मुश्किल है। एक ऐसी कड़वी सच्चाई, जिसने दशकों से लगाए…