सब्र और हिम्मत की मिसाल बने किसानों को नसीरुद्दीन शाह का सलाम!


दशकों से रुपहले पर्दे के महानायक का ख़िताब ढोते आ रहे अमिताब बच्चन ने यूँ तो यूपी के बाराबकी से लेकर महाराष्ट्र तक खेत खरीदकर किसान बनने की तमाम जुगत भिड़ाई थी लेकिन जब देश के लाखों किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं तो उन्होंने ओठ सिल लिये हैं। ऐसे में अभिनय के एक दूसरे जादूगर नसीरुद्दीन शान ने अपनी ज़िम्मेदारी समझ है और भीषण ठंड में आंदोलन कर रहे किसानों के हौसले को सलाम किया है।


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दशकों से रुपहले पर्दे के महानायक का ख़िताब ढोते आ रहे अमिताब बच्चन ने यूँ तो यूपी के बाराबकी से लेकर महाराष्ट्र तक खेत खरीदकर किसान बनने की तमाम जुगत भिड़ाई थी लेकिन जब देश के लाखों किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं तो उन्होंने ओठ सिल लिये हैं। ऐसे में अभिनय के एक दूसरे जादूगर नसीरुद्दीन शान ने अपनी ज़िम्मेदारी समझ है और भीषण ठंड में आंदोलन कर रहे किसानों के हौसले को सलाम किया है।

16 जनवरी को मुंबई के आज़ाद मैदान में किसानों की रैली में भागीदारी के लिए उन्होंने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के साथ एक वीडियो में अपील की है जिसे कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट यानी सीपीजे ने जारी किया है। इस वीडियो में नसीर ने सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि जो किसान मेहनत से बीच बोता है, अपनी फ़सल को औलाद की तरह पोसता है, उससे बेहतर कोई नहीं जानता कि उसके लिए क्या सही है और क्या नहीं।  ये हुकूमत चाहे किसानों को गद्दार बनाने की कोशिश करे, उन जैसे लाखों लोगों की दुआएँ उनके साथ हैं। किसान सब्र और हिम्मत की मिसाल हैं।

तीस्ता सीतलवाड ने वीडियो में कृषि क़ानूनों को न सिर्फ किसानों बल्कि समाज के अन्य वर्गों, खासतौर पर मध्यवर्ग के लिए ख़तरनाक बताया है और लोगों से अपील की है कि वे आंदोलनकारी किसानों का साथ दें।

देखये ये वीडियो—