प्रधानमंत्री मोदी ने सीआईआई के 125वें वार्षिक समारोह में मंगलवार को दावा किया कि भारत अपनी ग्रोथ रेट जल्द पा लेगा, लेकिन दुनिया इस दावे पर भरोसा करने को तैयार नहीं है। रेटिंग एजेंसी मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की रेटिंग बेहद कम कर दी है। इसे बीएए-2 से घटाकर बीएए-3 कर दिया गया है जो निवेश की दृष्टि से सिर्फ कबाड़ ग्रेड से एक दर्जा ऊपर है। एजेंसी के मुताबिक आने वाले दिनों में आर्थिक स्थिति भारत की और बिगड़ेगी। निम्न आर्थिक वृद्धि दर, बिगड़ी वित्तीय स्थिति और वित्तीय क्षेत्र के दबाव जोखिम कम करने की चुनौतियां होंगी। यह दो दशक में पहली बार हुआ है। इससे पहले 1998 में मूडीज़ ने भारत की रेटिंग को कम किया था।
मूडीज का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP)में 4 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है। भारत के मामले में पिछले चार दशक से अधिक समय में यह पहला मौका होगा जब पूरे साल के आंकड़ों में जीडीपी में गिरावट आएगी। इसी अनुमान के चलते मूडीज ने भारत के विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा की दीर्घकालिक इश्युअर रेटिंग को बीएए-2 से घटाकर बीएए-3 पर ला दिया गया है। ‘बीएए-3’ सबसे निचली निवेश ग्रेड वाली रेटिंग है। इससे नीचे दर्जे की रेटिंग निवेश लायक नहीं मानी जाता है।
मूडीज का कहना है कि सुधारों की धीमी गति और नीतियों की प्रभावशीलता में रुकावट ने धीमी वृद्धि में योगदान किया। यह स्थिति कोविड- 19 के आने से पहले ही शुरू हो चुकी थी और यह इस महामारी के बाद भी जारी रहने की संभावना है।
मूडीज ने इससे पहले नवंबर 2017 में 13 साल के अंतराल के बाद भारत की राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान चढ़ाकर बीएए-2 किया था। एजेंसी ने कहा कि नवंबर 2017 में भारत की रेटिंग को एक पायदान बढ़ाना इस उम्मीद पर अधारित था कि महत्वपूर्ण सुधारों का प्रभावी क्रियान्वरयन किया जाएगा और इससे अर्थव्यवस्था, संस्थानों और वित्तीय मजबूती में लगातार सुधार आएगा। तब से लेकर इन सुधारों का क्रियान्वयन कमजोर रहा और इनसे बड़ा सुधार नहीं दिखाई दिया। इस प्रकार नीतियों का प्रभाव सीमित रहने के संकेत मिलते हैं।
दूसरी रेटिंग एजेंसियों,फिच रेटिंग्स और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने हाल में भारत की रेटिंग को मूडीज से भी एक रेटिंग कम दिया है।
उधर, सत्ताधारी दल बीजेपी के नेता मूडीज़ के इस आकलन से भड़के हुए हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री मोदीको पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि मूडीज़ और दूसरी एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाने के लिए चीन के इशारे पर ऐसा कर रही हैं। उन्होंने लिखा, ” … ये रेटिंग एजेंसियां ऐसे व्यवहार करती हैं जैसे ये भगवान हैं और हमारे देश को तीसरे दर्जे का देश मानती हैं। इसलिए भारत की सावरेन रेटिंग को लगातार नीचे रखा जाता है।”