मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहा आंदोलन 95वें दिन भी जारी रहा। इस बीच विभिन्न किसान संगठनों और उनके नेताओं की ओर से, जिन्हें दिल्ली पुलिस आयुक्त की तरफ से कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुए थे, कल ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने जवाब भेज दिया है।
आज गुरु रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस पर ‘मजदूर किसान एकता’ दिवस मनाया गया। ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ के आह्वान पर दिल्ली के सभी बोर्डर्स पर मजदूर व मजदूर संगठनों ने अपनी भागीदारी दिखाई। देशभर के अनेक मजदूर संगठनों ने किसानों के संघर्ष को जरूरी ठहराते हुए अपना समर्थन दिया। मजदूर संगठनों ने दिए एक सयुंक्त बयान में किसानों के संघर्ष की हिमायत की व ‘मजदूर किसान-एकता दिवस’ को समर्थन दिया। इस दौरान नगर कीर्तन भी निकाला गया।
कल रात जेल से रिहा होने के बाद मजदूर कार्यकर्ता नवदीप कौर आज फिर से सिंघु बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचीं। किसानों को संबोधित करते हुए नवदीप कौर ने कहा कि किसान व मजदूर का नाखून मांस का रिश्ता है। दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे है व संघर्ष भी साथ मिलकर लड़ना होगा।
इसके साथ ही हरियाणा में सोनीपत-गोहाना रोड पर किसान मजदूर संघर्ष समिति द्वारा 35 किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर ट्राली रैली का आयोजन किया गया।
‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने बताया कि 14 और किसानों को जेल से जमानत पर रिहा किया गया। अब तक 78 किसानों को रिहा करवा लिया गया है। ‘किसान मोर्चा जेलों में बंद किसानों के लगातार संपर्क में है। मोर्चा ने कहा कि वो कानूनी प्रक्रिया में साथ दे रहे सभी वकीलों व संगठनों का धन्यवाद करता है।
दक्षिण भारत से आये किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ के नेताओ के साथ बैठक की और चल रहे आंदोलन के साथ साथ आगे की योजना बनाई।
‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ की ओर से डॉ दर्शन पाल द्वारा जारी