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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम के बाद सीएए और एनआरसी के विरोध में शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए प्रसिद्ध अम्बेडकरवादी चिंतक व पूर्व पुलिस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने जा रही थीं लेकिन बीच रास्ते में पुलिस ने उन्हें जबरन रोक दिया। प्रियंका गांधी ने गाड़ी से उतरकर पैदल चलना शुरू किया लेकिन बीच रास्ते पुलिस ने उनके साथ धक्कामुक्की की और प्रियंका के मुताबिक उनका गला भी दबाया गया।
प्रियंका गांधी आठ किलोमीटर पैदल चलकर पुलिसिया बर्बरता को झेलते हुए दारापुरी के परिजनों से मिलीं और उनका हालचाल जाना।
शनिवार सुबह भी प्रियंका गांधी के आवास पर यूपी पुलिस ने असभ्यता की और कानून को तोड़ा। कांग्रेस द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि हजरतगंज के सीओ अभय मिश्र दर्जन भर पुलिसवालों के साथ प्रियंका गांधी के गोखले मार्ग आवास पर बिना अनुमति के घुस गए और उनके सुरक्षाकर्मियों से बदतमीज़ी की। अभय मिश्रा के खिलाफ शिकायत पत्र भेज दिया गया है कि किस तरह उन्होंने गैरजिम्मेदाराना, असभ्यतापूर्ण व्यवहार किया और कांग्रेस महासचिव के सुरक्षा कवच को जबरन तोड़ा।
देर शाम मीडिया को दी बाइट में प्रियंका ने साफ़ कहा कि पुलिस ने उनका गला दबाया था।
#PriyankaGandhi का आरोप, 'पुलिस ने मेरा गला दबाया' pic.twitter.com/UMflS5zHd4
— ABP News (@ABPNews) December 28, 2019
मॉडर्न कंट्रोल रूम में तैनात सर्कल अफसर अर्चना सिंह, जो प्रियंका गांधी की सुरक्षा में तैनात थीं, उन्होंने लिखित में अपर पुलिस अधीक्षक, प्रोटोकॉल को बताया है कि प्रियंका गांधी के आरोप गलत हैं और उनके साथ बदसलूकी नहीं की गयी है।
इस घटना पर डॉ. लेनिन रघुवंशी ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक शिकायत दर्ज की है जिसे स्वीकार कर लिया गया है.
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