बुधवार 27 अप्रैल की दोपहर ग़ाज़ियाबाद के लाल कुआँ इलाक़े में स्थित आईएमएस इंजीनीयरिंग कॉलेज में एक बड़ा हादसा हुआ, जहां लड़कों के हॉस्टल की लिफ़्ट के अचानक टूट जाने से, कुछ छात्र गम्भीर रूप से घायल हो गए।
कैसे हुआ हादसा
बताया जा रहा है की बीसीए एवं बीबीए प्रथम वर्ष के छात्र लिफ़्ट में सवार थे, जब पाँचवी मंज़िल पर लिफ़्ट की तार टूट गई और अचानक नीचे आ गिरी। सूचना मिलते ही कॉलेज प्रशासन ने किसी तरह लड़कों को बाहर निकाला और और नज़दीकी मणिपाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया। बताया जा रहा है कि इस लिफ्ट की क्षमता केवल 5 लोगों को ही ले जाने की है, जबकि इसमें 12 छात्र सवार थे। लिफ्ट का तार जब पांचवी मंज़िल से टूटा तो फ्रीफॉल हुआ और ये सीधे ग्राउंड फ्लोर पर टकराई। इसके बाद मेंटेनेंस टीम, सुरक्षाकर्मियों की मदद से कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने इन छात्रों को लिफ्ट से बाहर निकाला।
भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं कॉलेज के चेयरमैन
यहाँ यह बता दें, आईएमएस इंजीनीयरिंग कॉलेज आईएमएस ट्रस्ट के तहत संचालित है, जिसके मौजूदा चेयरमैन पूर्व राज्यसभा सांसद – पूर्व मंत्री तथा फिलहाल भाजपा के सीनियर नेता नरेश अग्रवाल हैं। ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी उनके बेटे नितिन अग्रवाल हैं, जो फ़िलहाल हरदोई विधानसभा क्षेत्र से विधायक, एवं उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं।
अनियमितता? लापरवाही? या खराबी? क्या है कारण
ग़ौरतलब है, कि लिफ़्ट की लोड क्षमता मात्र 5 व्यक्तियों की बताई जा रही है, जबकि कॉलेज डायरेक्टर अजय कुमार के मुताबिक, छात्र अधिक संख्या में लिफ्ट में सवार हो गए थे जिसके कारण लिफ्ट ओवरलोड हो गई और तार टूटने से नीचे जा गिरी। यहाँ यह समझना ज़रूरी है, कि अमूनन कोई भी लिफ़्ट क्षमता से अधिक लोड होने पर स्वतः चलने से इनकार कर देती है और अलार्म बजाने लगता है। यहाँ यदि 10 या 12 (जो घायल छात्रों की संख्या बताई जा रही है) छात्र लिफ़्ट में सवार हो गाए, और लिफ़्ट चल पड़ी, तो अवश्य उसमें तकनीकी ख़ामियाँ होंगी जो रखरखाव की कमी, या अनियमितता की तरफ़ इशारा करता है।
कितने छात्रों को चोट लगी?
इस हादसे में कुल 12 छात्र घायल हुए हैं, जिनमें से 3 की हालत गंभीर है। एक छात्र का घुटना टूट तक अलग हो गया, जिसके घुटने का ऑपरेशन किया गया है। इसके अलावा और दो छात्र भी, ख़बर लिखे जाने तक आईसीसीयू में भर्ती हैं। अन्य छात्रों को भी गम्भीर चोटें आई हैं, और उनका इलाज भी चल रहा है।
क्या हुई कार्रवाई?
घटना की ख़बर मिलने पर ग़ाज़ियाबाद पुलिस मौक़े पर पहुँच ज़रूर गई और साथ ही ज़िला प्रशासन के अधिकारी भी हालात का जायज़ा लेने पहुँच गए। लेकिन किसी भी प्रशासनिक या पुलिस कार्रवाई की कोई खबर नहीं है। पुलिस में किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज करवाई गई है। हालांकि पुलिस के पास, ऐसी परिस्थिति में स्वतः एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है।
उधर कॉलेज प्रशासन ने इस हादसे की पूरी जाँच और दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। लेकिन पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। सवाल ये है कि लिफ्ट के रखरखाव या किसी और तरह की लापरवाही की ज़िम्मेदारी अगर कॉलेज की नहीं है, तो किसकी है?