अंग्रेज़ों को पीछे छोड़ते योगी: महोबा में काँग्रेस की पदयात्रा पर लाठीचार्ज, कई घायल!

मीडिया विजिल मीडिया विजिल
ख़बर Published On :


लोकतंत्र में विपक्ष को सड़क पर उतरने की आज़ादी पर कभी प्रतिबंध नहीं लगा, लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रामराज्य में लगता है न विपक्ष की जगह है और न लोकतंत्र की। यही वजह है कि आज गाय बचाओ किसान बचाओ पदयात्रा पर निकाल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बुरी तरह लाठीचार्ज किया जिससे दर्जनों घायल हो गये। यात्रा में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन, प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित, महासचिव राहुल राय, यूथ प्रदेश अध्यक्ष कनिष्क पांडेय, प्रभारी सचिव अखिलेश कुमार शुक्ल, तुलसीदास लोधी, सागर सिंह आदि कांग्रेस कार्यकर्ता हिरासत में ले लिये गये।

हैरानी की बात है कि यह यात्रा पूरी तरह शांति पूर्ण तरीके से निकाली जा रही थी, इसके बावजूद लाठी चार्ज हुआ। कांग्रेस ने अपने 136वें स्थाना दिवस यानी 28 दिसंबर से सभी जिलों कांग्रेस संदेश पदयात्राएँ निकालने का ऐलान किया था, इसके अलावा बुंदेलखंड को केंद्रित करते हुए ‘गाय बचाओ-किसान बचाओ’ यात्रा भी निकाली जा रही थी। कांग्रेस का आरोप है कि योगी सरकार गाय और गौशालाओं के नाम पर बातें बहुत करती है लेकिन हक़ीक़त में कुछ हो नहीं रहा है। गौशालाओं में गायें मर रही हैं और किसान आवारा मवेशियों से बुरी तरह परेशान हैं। गौशालाओं की हालत सुधारी जाये और किसानों को रखवाली भत्ता दिया जाये क्योंकि उन्हें रात-रात भर खेतों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए रखवाली करनी पड़ती है।

इस यात्रा के पहले ही दिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जहँ-जहाँ भी यात्राएँ निकाली गयीं, पुलिस ने राह रोकने की कोशिश की और कई बार लाठीचार्ज भी हुआ।

सवाल ये है कि विपक्ष को अपना संदेश लेकर जनता के बीच जाने से कौन सा कानून रोक रहा है। इतनी आज़ादी तो अंग्रेजों के समय भी थी कि उनका सड़क पर शांतिपूर्ण विरोध,  सभा और यात्राएँ होती थीं। क्या योगी राज  अत्याचार के मामले में अंग्रेज़ों से आगे  बढ़ गया है?

सरकार की ओर से अक्सर कोरोना का बहाना दिया जाता है, लेकिन हर चुनावी राज्य में हो रही बीजेपी नेताओं की रैलियाँ और उनमें प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की भागीदारी बताती है कि ये सिर्फ़ बहाना है।

यूपी सरकार के संविधान विरोधी कारनामों पर हाईकोर्ट भी कई बार टिप्पणी कर चुका है। कई पूर्व न्यायाधीशों के अलावा कल 104 देश के पूर्व आईएएस अफसरों ने भी योगी आदित्यनाथ पर संविधान विरुद्ध काम न करने का आरोप लगाते हुए खुला पत्र जारी किया है। हो सकता है कि बीजेपी इसे अपने ताकतवर होने का सबूत मान रही हो, लेकिन जिस तरह इससे लोकतंत्र कमज़ोर हो रहा है, उसका ख़ामियाज़ा उसे भी भुगतना पड़ेगा। आज नहीं तो कल।

 


Related