हरियाणा पुलिस ने आज करनाल ज़िले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ठक्कर का कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज किया जिससे तमाम किसानों का सर फटा और हाथ-पाँव टूटे। इस घटना से नाराज़ किसानों ने हाईवे जाम कर दिये। इस घटना ने किसानों और बीजेपी को फिर आमने-सामने खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इसे जनरल डायर जैसी कार्रवाई क़रार दिया है और राहुल गाँधी ने भी तीखा हमला बोलते हुए बीजेपी को किसान विरोधी बताया है।
फिर ख़ून बहाया है किसान का,
शर्म से सर झुकाया हिंदुस्तान का!#FarmersProtest #किसान_विरोधी_भाजपा pic.twitter.com/stVlnVFcgQ— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 28, 2021
किसानों का आरोप है कि पूरी साज़िश के तहत किसानों पर हमला बोला गया। कांग्रेस नेता बी.वी.श्रीनिवास ने एक अधिकारी का वीडियो ट्वीट किया है जिसमें वो किसानों का सर फोड़ने का आदेश पुलिसकर्मियों को दे रहा है।
जलियांवाला बाग का मंजर नही देखा,
लेकिन शायद कुछ ऐसा ही रहा होगा..जनरल डायर को भी नही देखा,
लेकिन शायद मोदी जैसा ही रहा होगा.. pic.twitter.com/8uDmrTeb2o— Srinivas BV (@srinivasiyc) August 28, 2021
वीडियो में करनाल के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा कहते नज़र आ रहे है़- ‘यहां से जो भी आगे जाए, सिंपल है, उसका सिर फोड़ दो। कोई डाउट नहीं है, किसी डायरेक्शन की जरूरत नहीं है। किसी भी हालत में इन्हें इस लाइन के आगे नहीं जाने देना है। हमारे पास पर्याप्त फोर्स है। हम दो दिन से यहां ड्यूटी कर रहे हैं। यहां से आगे एक बंदा नहीं जाना चाहिए। अगर कोई आगे जाता है तो उसका सिर फूटा हुआ होना चाहिए।’
इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि “भाजपा-जजपा की ‘कायर सरकार’ ने करनाल में अन्नदाता किसान पर बेरहमी और बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज कर एक बार फिर ‘‘जनरल डायर’’ की याद दिला दी। शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे किसानों को जानवरों की तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। दर्जनों लहुलुहान हो गए और सैकड़ों को चोटें आईं। एक बार फिर यह साबित हो गया कि अन्नदाता किसान के असली ‘दुश-मन’ हैं – दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर। भाजपा-जजपा सरकार ने मिलकर पिछले नौ महीनों से किसानों के हिस्से में लाठीचार्ज, पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोले तथा कीलें व नश्तरों की प्रताड़ना लिख दी है।
उन्होंने कहा कि 25 नवंबर, 2020 से आज तक किसान-मजदूर के सीने पर मोदी व खट्टर सरकारों ने लगातार वार किया है और खून बहाया है। 25 नवंबर को जब किसानों ने गांधीवादी तरीके से दिल्ली की ओर कूच किया, तो अंबाला, सिरसा, पलवल और राजस्थान बॉर्डर से जगह-जगह सड़कें खोद, ठंडे पानी की बौछारें मार, अश्रुगैस के गोले चला तथा किसानों के सर पर लाठियां मार उनका रास्ता रोका गया। पिछले नौ महीने में अंबाला, कालका, पीपली, करनाल, जींद, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक, हिसार, सिरसा और प्रदेश के हर कोने में भाजपा-जजपा सरकार ने किसानों की आवाज को कुचलने के लिए पुलिस से लाठियां बरसवाईं, पर न आवाज़ दबी, न सिर झुके और न संकल्प टूटा।
सुरजेवाला ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर – दुष्यंत चौटाला ने आज किसान नहीं, हमारे ‘भगवान’ को पीटा है…… सज़ा मिलेगी। सड़कों पर बहते और किसानों के शरीर से रिसते खून को आने वाली तमाम नस्लें याद रखेंगी। अब भी समय है – या किसान के साथ खड़े हो जाइये या गद्दी छोड़ दीजिए।
किसानों पर हुए लाठीचार्ज की संयुक्त किसान मोर्चा ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है। किसान संगठनों के राष्ट्रीय सम्मेलन के ठीक दूसरे दिन हुए इस लाठीचार्ज ने बीजेपी के प्रति विरोध और बढ़ा दिया है। सम्मेलन में बीजेपी के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाने, खासतौर पर यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी सरकारों को हराने का अभियान चलाने का फ़ैसला किया गया है। लाठीचार्ज की घटना के बाद राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया हुई है। कई राज्यों खट्टर सरकार का पुतला फूँका गया है।