लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में यूपी पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र के घर पर नोटिस चिपका कर और समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, मगर आशीष मिश्र लखीमपुर खीरी की रिजर्व पुलिस लाइन बयान देने नहीं पहुंचा। अब आज फिर मंत्री के घर नोटिस चिपका कर उन्हें कल हाज़िर होने हो कहा गया है। बता दें की पुलिस ने मामले पर एक्शन सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद हिंसा के 5वें दिन लिया था। लेकिन मंत्री का बेटा समन जारी करने के बाद भी आज क्राइम ब्रांच नही पहुंचा है।
स्थानीय पुलिस ने मुताबिक, आशीष मिश्र के खिलाफ लिखित समन जारी हुए थे और नोटिस चिपका कर भी उसे 8 अक्टूबर 10 बजे तक क्राइम ब्रांच पहुंचकर अपना बयान लिखित तौर पर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था। गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को हुई इस हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले का मुख्य आरोप मंत्री के बेटे आशीष मिश्र पर लगा है। लेकिन अभी तक आशीष मिश्र का कोई भी अता-पता नहीं है।
आशीष के पास कल तक का मिला समय..
आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट सरकार की स्थिति रिपोर्ट से असंतुष्ट थी। प्रदेश सरकार और पुलिस को गिरफ्तारी न करने को लेकर कोर्ट ने पाटकर लगाई, जिसके बाद पुलिस ने आशीष मिश्रा को वार्निंग दी है। आशीष मिश्रा के पास क्राइम ब्रांच के सामने हाज़िर होने के लिए अब सिर्फ कल यानी 9 अक्टूबर 11 बजे तक का वक्त है। इस बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के घर पुलिस ने एक और नोटिस चस्पा कर दिया है। पुलिस ने कहा है कि आशीष अगर कल तक हाज़िर नहीं होते तो उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जाएगा।
नेपाल में होने की आशंक…
नेपाल की सीमा तिकुनिया से महज़ 10 से 15 किलोमीटर दूर है जहां हिंसा की घटना हुई थी। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आशीष मिश्रा नेपाल भाग गया है, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि मिश्रा के परिवार का कहना है कि वह अभी लखीमपुर खीरी में हैं और जांच में सहयोग करने को तैयार हैं। लेकिन यहां सवाल ये है की अगर सहयोग के लिए तैयार हैं तो समन पर पूछताछ के लिए हाजिर क्यों नही हुए? परिवार की बातें और आशीष के इरादे दोनो ही उलट है इस हरकत से साफ है कि आशीष मिश्रा का जांच में सहयोग देने का अभी कोई इरादा नहीं है।
जांच में सहयोग है तो क्यों नही आया आशीष?
पुलिस ने पहले ही कार्यवाही देर में शुरू की अगर कोर्ट एक्शन नही लेता तो शायर ही मंत्री के रसूख के आगे पुलिस बेटे पर हाथ डालती। मंत्री ने मामले के तूल पकड़ने के बाद अपने बयान में कहा था की बेटा वहां था ही नहीं अब परिवार कह रहा लखीमपुर में है लेकिन आशंका नेपाल भागने की है। परिवार की माने तो आशीष जांच के सहयोग के लिए तैयार है लेकिन बावजूद इसके गायब है।
मंत्री के अनुसान, बेटा दोषी नही है आहार ऐसा है तो पुलिस को बयान देने क्यों नही पहुंचा? आखिर लखीमपुर का मुख्य आरोपी आशीष हैं कहा? और पुलिस क्यों उसे पकड़ नही पा रही है? ऐसे बहुत से सवाल इस मामले में पुलिस पर उठ रहें हैं। बीजेपी मंत्री के बेटे पर किसानों की हत्या का आरोप है, लेकिन मंत्री अभी भी कुर्सी पर विराजमान है। विपक्ष केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग कर रहा है, मगर बीजेपी को किसानों को इंसाफ दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। बेटे आशीष मिश्र का जांच में सहयोग न देना मंत्री की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।
क्या पुलिस अब कोई एक्शन लेगी?
आशीष मिश्रा के हाज़िर न होने पर हो सकता है पुलिस कोई सख्त एक्शन ले, क्योंकि आईजी रेंज (लखनऊ) लक्ष्मी सिंह ने 7 अक्टूबर को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि अगर वो समन पर पेश न हुए तो पुलिस उनके खिलाफ कोर्ट जाएगी। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा मामले में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव मामले की जांच करेंगे। न्यायिक आयोग का कार्यालय लखीमपुर खीरी में होगा और इसे दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
अजय मिश्र का क्रिमिनल रिकॉर्ड..
बता दें, बेटे पर किसानों की मौत का आरोप है और पिता पर लखीमपुर में ही हत्या करने का आरोप है। इंडिया टुडे में छपी खबर के मुतिबिक, अजय मिश्र पर लखीमपुर के ही तिकुनिया थाने में हत्या, घर में घुसकर मारपीट और बलवा करने के चार मुकदमे दर्ज हैं। हत्या के मामले में 2018 में हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब से अजय मिश्र जमानत पर बाहर हैं।