कानपुर : कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत भाजपा कार्यालय के खिलाफ सड़क पर उतरी जनता, चलाया गया हस्ताक्षर अभियान!

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा   बुधवार को कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के बूथ सम्मेलन और पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन के लिए कानपुर पहुंचे थे। उद्घाटन तो हो गया लेकिन कार्यालय को लेकर बवाल मचा हुआ है। दरअसल, कार्यालय के पास ही कानपुर की जनता के लिए यूपी सरकार ने एक अस्पताल बनवाने का दावा किया था, लेकिन कार्यालय पूरा बनकर तैयार हो गया और अस्पताल का पता नहीं है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा के कानपुर स्थित भव्य पार्टी कार्यालय के बाहर आम लोगों समेत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

आपके लिए क्या जरूरी है अस्पताल या भाजपा कार्यालय?

बीजेपी कार्यालय के सामने विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सरकारी घोषणा के बावजूद पांच साल में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का शिलान्यास नहीं हो पाया, जबकि दो साल में भाजपा का पांच सितारा कार्यालय बन कर तैयार हो गया। विरोध कर रहे लोगों ने जनता का पैसा वापस दो, अस्पताल की जगह कार्यालय नहीं सहेंगे जैसे नारे लगाए। मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाया कि आपके लिए क्या जरूरी है अस्पताल या भाजपा कार्यालय? इसी के साथ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसमे पोस्टर पर हस्ताक्षर कर समर्थन दर्ज करने को कहा गया। वहां मौजूद काफी लोगों ने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन दर्ज भी किया और बीजेपी कार्यालय के विरुद्ध आवाज़ उठाई।

क्या है मामला?

दरअसल, साउथ सिटी कानपुर में लाखों लोगों के लिए 100 बेड की सुविधा वाला सरकारी अस्पताल बनाने की योजना तैयार की गई थी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने खुद इसकी घोषणा की थी, लेकिन लंबे समय बाद अस्पताल के नाम पर दूर-दूर तक एक ईंट भी नहीं लगाई गई, जबकि अस्पताल स्थल के पास ही बीजेपी का चार मंजिला भव्य क्षेत्रीय कार्यालय बनकर तैयार है। इस अस्पताल का निर्माण इसलिए किया जा रहा था ताकि कानपुर दक्षिण की जनता को उर्सला और हैलट अस्पताल तक जाने में जो कष्ट उठाने पड़ते हैं वह ना हो लेकिन आज भी कानपुर दक्षिण की जनता यहां जाने को मजबूर है और करीब 50 करोड़ की लागत से बन कर तैयार होने वाला यह अस्पताल आज भी अधूरा है।


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