महंगाई ने आम आदमी की तोड़ी कमर, खाने-पीने के समान में दोगुनी बढ़ोतरी

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महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। बीते दिसंबर माह में खाने-पीने के सामान के दाम में दोगुने से अधिक वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय सांख्यकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 4.05 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने 1.87 प्रतिशत थी।

खाद्य वस्तुओं में तेजी..

खाद्य वस्तुओं में अनाज और उसके बने उत्पाद, अंडा, दूध तथा दूध के बने उत्पाद, मसाले तथा तैयार भोजन, स्नैक्स और मिठाई के मामले में महंगाई दर दिसंबर में पिछले महीने के मुकाबले अधिक रही। हालांकि, सब्जियों, फल और तेल एवं वसा की महंगाई दर की रफ्तार में कमी आई। खाद्य महंगाई बढ़ने से दिसंबर में खुदरा महंगाई में भी तेज इजाफा हुआ है।

हाल ही में देश के कई अर्थशास्त्रियों ने खुदरा महंगाई के 5.50 फीसदी से अधिक रहने की आशंका जताई थी और दिसंबर की खुदरा महंगाई उसके करीब रही है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रिजर्व बैंक साल के मध्य में ब्याज दरों में भी वृद्धि कर सकता है। बार्कलेज इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा, मुख्य मुद्रास्फीति अधिक है, क्योंकि बढ़ते दूरसंचार शुल्क और उच्च ऊर्जा लागत ने मौद्रिक नीति के संभावित कड़े होने के लिए मंच तैयार किया है।

अप्रैल-नवंबर में 17.4 फीसदी बढ़ा औद्योगिक उत्पादन..

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान औद्योगिक उत्पादन 17.4 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में इसमें 15.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वहीं रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार का राजकोषीय घाटा 16.6 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 7.1 फीसदी होगा।