मोदी जी! पीएम का काम देश बेचना नहीं, किसानों का भला करना है- राहुल


राहुल गाँधी ने कहा है कि सरकार के रवैये से भारत की प्रतिष्ठा बहुत बुरी तरह गिरी है। न सिर्फ किसानों को बल्कि पत्रकारों से जिस तरह से सरकार पेश आ रही है, उससे दुनिया भर में भारत की छवि प्रभावित हुई है। राहुल ने कहा कि जो खेती करता है, उसे आतंकवादी कहा जा रहा है। ऐसा लगता है कि सिर्फ आरएसएस को लोग आतंकवादी नहीं, बाकी सब आतंकवादी हैं। किसानों का हक छीनकर पांच-छह पूँजीपतियों  को दिया जा रहा है और जब किसान लड़ रहा है तो आतंकवादी कह रहे हैं।


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कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश बेचना प्रधानमंत्री का काम नहीं है। उनका काम देश के किसानों का दुखदर्द बाँटना है। दिल्ली के चारो तरफ़ किलेबंदी करके उन्होंने साबित किया है कि वे किसानों को दुश्मन की तरह देखते हैं जिसने कोविड के समय अपनी मेहनत से देश को बचाया है। सरकार तुरंत कृषि कानून वापस ले।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में राहुल गाँधी ने कहा कि आखिर सरकार दिल्ली बार्डर पर किलेबंदी क्यों कर रही है? क्या ये किसानों से डरते हैं? क्या किसान दुश्मन हैं? किसान हिंदुस्तान की शक्ति है। उसको दबाना, मारना, धमाकाना सरकार का काम नहीं है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि कानून को स्थगित करने का प्रस्ताव अभी है, इसका क्या मतलब है। मैं किसानों को अच्छी तरह जानता हूँ। ये पीछे नहीं हटेंगे।सबका फायदा इसी में है कि सरकार पीछे हटे। कृषि कानूनों को रद्द करे।

राहुल गाँधी ने कहा कि मोदी सरकार का बजट सिर्फ एक फ़ीसदी लोगों के हित में है और 99 फ़ीसदी देशवासियों के ख़िलाफ़ है। छोटो उद्योग, किसान से पैसा लेकर पांच-छह बड़े कॉरपोरेट घरानों की जेब में पैसा डाल दिया गया है। हिंदुस्तान को जरूरत थी कि जनता के हाथ में पैसा डाला जाये। सप्लाई साइड में पैसा देने से बात नहीं बनेगी। उपभोक्ता को देना होगा। अगर न्याय योजना जैसा काम किया गया होता तो अर्थव्यवस्था बेहतर हो सकती थी।

राहुल गाँधी ने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी चिंता की बात है कि चीन के खतरे को देखते हुए भी सरकार ने रक्षा बजट नहीं बढ़ाया। जो हमारे सेना के जवाब लद्दाख में हैं उन्हें लग रहा होगा कि सरकार सेना को पैसा नहीं दे रही है। जो सेना का है वह भी पांच दस लोगों को दिया जा रहा है। इससे देश को फायदा नहीं होने वाला है। सेना की कमिटमेंट सौ फीसदी है तो सरकार का एक सौ दस फीसदी होनी चाहिए। ये कौन सी देशभक्ति है कि सर्दी में लद्दाख में सेना खड़ी है और आप पैसा नहीं दे रहे हैं सेना को?

राहुल गाँधी ने कहा है कि सरकार के रवैये से भारत की प्रतिष्ठा बहुत बुरी तरह गिरी है। न सिर्फ किसानों को बल्कि पत्रकारों से जिस तरह से सरकार पेश आ रही है, उससे दुनिया भर में भारत की छवि प्रभावित हुई है। राहुल ने कहा कि जो खेती करता है, उसे आतंकवादी कहा जा रहा है। ऐसा लगता है कि सिर्फ आरएसएस को लोग आतंकवादी नहीं, बाकी सब आतंकवादी हैं। किसानों का हक छीनकर पांच-छह पूँजीपतियों  को दिया जा रहा है और जब किसान लड़ रहा है तो आतंकवादी कह रहे हैं।

राहुल ने कहा कि देश नेतृत्वविहीन स्थिति में है। केवल बातें हैं, कोई दृष्टि नहीं है। मीडिया है जो कंट्रोल में है। ये माया कोई तो तोड़ेगा। मेरा निवेदन है कि पीएम अपना काम करें। किसान के हक़ में काम करना उनका काम है, उद्योगों का हाथ थामना उनका काम है। देश बेचना उनका काम नहीं है। मोदी जी कृपया देश चलायें।