‘संयुक्त किसान मोर्चे’ द्वारा घोषित 6 फरवरी के राष्ट्रव्यापी चक्काजाम कार्यक्रम को यूपी और उत्तराखण्ड में जुलूस और प्रदर्शन में बदला गया है। इसको लेकर हो रही भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह बयान जारी कर कहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान शनिवार को सड़क पर जाम नहीं लगाएंगे, बल्कि शांतिपूर्वक जिला मुख्यालय और तहसील मुख्यालय पर ज्ञापन देंगे।
राकेश टिकैत ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए, ये भी दावा किया है कि उनके पास इस बात के पुख़्ता सुबूत थे कि कुछ लोगों ने इस चक्का जाम में यूपी-उत्तराखंड में हिंसा फैलाने की योजना बनाई है। इसलिए वे इन दो राज्यों में चक्का जाम का अपना फैसला बदल रहे हैं।
We have evidence that few people would have attempted to spread violence at these places. So we have decided to not block roads in Uttar Pradesh and Uttarakhand: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/syF9SeqcV4
— ANI (@ANI) February 5, 2021
इन दोनों राज्यों में जाम की कॉल वापस लेने पर एक सवाल के जवाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड के किसानों को स्टैंड बाई में रखने का फैसला लिया गया है। इस दौरान यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर राकेश टिकैत के साथ ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के सदस्य और किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल भी मौजूद थे। राजेवाल ने कहा कि विशेष कारणों से यूपी और उत्तराखंड के लिए शनिवार के चक्का जाम कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि चक्का जाम की कॉल वापस नहीं ली गई, बल्कि कार्यक्रम में मामूली सा फेरबदल किया गया है। यूपी और उत्तराखंड के किसान अपने तहसील और जिला मुख्यालय पर जाकर अधिकारियों को ज्ञापन देंगे। ज्ञापन में तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून की मांग की जाएगी। किसानों से यह कार्यक्रम शांतिपूर्वक करने की अपील की गई है। टिकैत ने कहा कि आंदोलन को बैकअप देने के लिए यूपी और उत्तराखंड के एक लाख किसानों को बैकअप में रखा गया।