मोदी सरकार के तीन कृषि कानून वापस लेने और आंदोलनकारियों को घर लौट जाने के ऐलान के बाद से मृतक किसानों को न्याय दिलाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों को न्याय दिलाने की मांग की है। तीन कृषि कानून वापस लेने और किसानों के साथ सहानुभूति जताने में कांग्रेस जितनी एक्टिव थी, ठीक उसी तरह कृषि कानूनों के वापस लिए जाने के ऐलान पर मृतक किसानों को न्याय दिलाने के मामले में भी एक्टिव नज़र आ रही हैं। वहीं, आज कांग्रेस ने कानून वापसी की घोषणा को किसान संघर्ष की जीत बताते हुए उत्तर प्रदेश में किसान विजय दिवस मनाने का भी फैसला किया है।
प्रियंका ने पत्र में पीएम पर तंज कसते हुए सीएम योगी पर साधा निशाना..
दरअसल, आज प्रधानमंत्री लखनऊ में डीजीपी कॉन्फ्रेंस में मौजूद है। इसी को देखते हुए प्रियंका गांधी ने उन्हें पत्र लिखते हुए कहा, मैंने अखबारों में पढ़ा है कि आज आप लखनऊ में होने वाले डीजीपी सम्मेलन में देश की कानून व्यवस्था संभालने वाले शीर्ष अधिकारियों से चर्चा करेंगे। कल आपने किसानों पर 3 काले कृषि कानून थोपने के अत्याचार को स्वीकार किया और उन्हें वापस लेने की घोषणा की।
पत्र में आगे प्रियंका गांधी ने लखीमपुर हत्याकांड का ज़िक्र करते हुए लिखा, लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरा देश देख चुका है। आप यह भी जानते हैं कि किसानों को अपनी कार से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। आगे उन्होंने योगी सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरू से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में कहा कि सरकार की मंशा देखकर ऐसा लगता है कि सरकार किसी खास आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है।
टेनी के साथ मंच साझा करने पर अमित शाह को भी घेरा..
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में आगे हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों की मांग की बात करते हुए सीएम योगी और अमित शाह को आड़े हाथों लेते हुए लिख,” मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिवारों से मिला हूं। वे असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे केवल अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहते हुए उन्हें न्याय की कोई उम्मीद नहीं है।
परिजनों की मांग को जांच की हालिया स्थिति से जोड़ते हुए प्रियंका गांधी ने लिखा, लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच की ताज़ा स्थिति उन परिवारों की आशंकाओं को सही साबित करती है। देश की कानून-व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार गृह मंत्री श्री अमित शाह जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं।
… यह आपकी नैतिक जिम्मेदारी हैै
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री के दायित्व को समझाते हुए लिखा, देश के प्रधानमंत्री होने के नाते देश के किसानों के प्रति आपकी जिम्मेदारी को आप भली-भांति समझते होंगे। प्रत्येक देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना केवल प्रधानमंत्री का कर्तव्य नहीं है, यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। प्रियंका ने प्रधानमंत्री को कृषि कानून वापस लेने के समय कही गई बातों को सत्य साबित करने के लिए कहते हुए लिखा, आपने कल देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा था कि सच्चे मन और पवित्र ह्रदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है।
आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आपके अच्छे इरादे हैं। अगर यह सच है तो लखीमपुर किसान हत्याकांड के पीड़ितों को न्याय दिलाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए। लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं।
सत्याग्रह में शहीद किसानों का घोर अपमान होगा…
प्रियंका ने लिखा, अगर आज आपने कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी क़ातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं और यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा। इसके बाद प्रियंका ने पत्र में प्रधानमंत्री से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की और देश भर के किसानों पर हुए मुक़दमों को वापस लेने वा सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान देने को कहा है।
आज कांग्रेस मनाएगी किसान विजय दिवस..
आपको बता दें कि आज कांग्रेस ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र के फैसले को किसान संघर्ष की जीत बताते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में किसान विजय दिवस मनाने का फैसला किया है। किसान विजय दिवस पर जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जायेगा।