किसान आंदोलन को लेकर हुई प्रेस कान्फ्रेंस मे आज पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि चाहे पूरा देश एक तरफ़ हो जाये वे देश पर आये खतरे से चेताते रहेंगे। उन्होंने कहा- ‘मैं मोदी या बीजेपी से नहीं डरता। साफ़ सुथरा आंदमी हैँ। वे मुझे छू भी नहीं सकते। हाँ, गोली मरवा सकते हैं। देश की रक्षा करना मेरा धर्म है। मैं दशभक्त हूँ। इस मामले में उनसे ज़्यादा कट्टर हूँ।’
राहुल गाँधी ने कहा कि सरकार किसानों को थकाना चाहती है। लेकिन किसान असलियत जनते हैं। इन तीनों कानूनों के जरिये किसान को खत्म करना चाहती है मोदी सरकार। इन कानूनों को रद्द करना ही पड़ेगा। वे भारत की कृषि व्यवस्था को तीन-चार मित्रों के हाथों में सौंपना ही चाहते हैं जिसे रोकना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ रही है। बट्टा परसौल से लेकर भूमि अधिग्रहण तक के मुद्दे पर वे लगातार सक्रिय रहे हैं। उन्होंने बीजेपी के उस आरोप का भी जवाब दिया कि कांग्रेस भी रिफ़ार्म चाहती थी। राहुल गाँधी ने कहा कि ‘हमने रिफार्म की बात की थी, लेकिन मंडी खत्म करने की बात नहीं की थी। न ये कहा था कि किसान कोर्ट नहीं जा सकता। न ये कहा था कि एक दो लोग सारा अनाज जमा कर सकेंगे।’
राहुल गाँधी ने कहा कि वे किसानों की स्वत्रता का सम्मान करते हैं। यह किसानों का आंदोलन है। कांग्रेस उनकी मदद कर रही है। उनका आदर करते हैं। इसीलिए धरना स्थल पर नहीं गये क्योंकि वे राजनीतिक दलों को नहीं चाहते। मोदी सरकार सोचती है कि जो उसके खिलाफ बोलता है, वह देशद्रोही है। इसलिए किसानो को खालिस्तानी कहा जा रहा है। मोदी सरकार सिर्फ बोलती है। सोचने का काम आरएसएस का है। जबकि देश को चलाने के लिए बोलने से ज़्यादा सोचने की ज़रूरत है। किसानों को दबाने से काम नहीं चलेगा। गुस्सा कहीं न कहीं से निकलेगा ज़रूर। सरकार किसानों की शक्ति को नहीं पहचान रहे हैं। भारत की भावना को गुलाम नहीं बनाया जा सकता।
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ़ अर्णव गोस्वामी की व्हाटसऐप चैट को लेकर पूछे गये सवाल पर राहुल ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि ‘इसकी जानकारी पीएम, एनएसए, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और एयरफोर्स चीफ को ही होनी चाहिए थी। बालाकोट को लेकर आफीसियल सीक्रेट किसी पत्रकार को देना आपराधिक कृत्य है। इससे एयरफोर्स की सुरक्षा खतरे में पड़ी है। जाँच होनी चाहिए कि किसने अर्णव गोस्वमी को यह जानकारी दी। सीआरपीएफ के जवानों की शहादत पर कोई कहे कि यह हमारे लिए बहुत अच्छा है, तो यह देशद्रोह है।’
भारत को नये विज़न की ज़रूरत है। यह सारा विवाद इसीलिए है। कांग्रेस की यही जिम्मेदारी है। राहुल ने कहा कि ‘मैंने कोरोना के समय कहा था फरवरी में कि बहुत बड़ी समस्या होने वाली है। मीडिया ने मज़ाक उड़ाया था। फियर मांगरेिंग फैलाने का आरोप लगाया था। हक़ीक़त पूरा देश देख रहा है। बतौर विपक्षी नेता मेरा काम देश को चेताते रहना है।’
भारत की ज़मीन पर चीन के कब्जे की खबरों पर गहरी चिंता जताते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि चीन मोदी सरकार की कमज़ोरी को देख रहा है। भारत के पास चीन के मुकाबले की कोई रणनीतिक विज़न नहीं है। चीन ने भारत को डोकलाम में और अब लद्दाख में टेस्ट किया है। अगर भारत ने स्पष्ट रणनीति नहीं बनायी तो चीन इसका फायदा उठायेगा। इससे भारत को नुकसान होगा। इसीलिए मैं बार बार सरकार को चेता रहा हूं। वे आपकी जमीन के अंदर आ गये हैं। आपको लगता है कि तूतू-मैमै करके या इवेंट मैनेजमेंट के जरिये इसे दूर कर सकते होते हो तो आप गलतफहमी के शिकार हैं। आप मेरे बारे में कुछ भी बोलो, कोई फर्क नहीं, पर हिंदुस्तान की रक्षा करने का काम आप नहीं कर रहे हो। मैं चेावनी दे रहा हूँ विपक्ष के नेता के बतौर।’
विपक्ष के कारगर न होने को लेकर पूछे गये सवाल पर राहुल गाँधी ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष संस्थाओं के बल पर काम करता है। विपक्ष को फ्री एंड फेयर मीडिया, संसद, न्यायापालिका की जरूरत होती है। इस सरकार ने सब पर कब्जा कर रखा है। जिस प्रकार से अंग्रेज हिंदुस्तान को चलाते थे, वैसे ही ये मोदीजी हिंदुस्तान को चला रहे हैं। देश में डर का माहौल है पर कांग्रेस पार्टी इससे मज़बूती के साथ लड़ेगी।
राहुल गाँधी की प्रेस कान्फ्रेंस नीचे देख सकते हैं–
LIVE: Special Congress Party Briefing by Shri @RahulGandhi https://t.co/aa1mlJQZVl
— Congress (@INCIndia) January 19, 2021