आप हमें बताइये कि ‘सस्ती शिक्षा सबका अधिकार’, यह नारा लगा रहे जेएनयू के छात्र ऐसा कौन सा गुनाह कर रहे हैं जो सरकार उन पर लगातार लाठी डंडे की बरसात कर रही है। कोई तो हमें बताए कि इस बात को पूछने में क्या गलत हो जाएगा कि फरवरी 2019 की कैग रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि 729 करोड़ रुपये रिसर्च और डेवलेपमेंट मद में नहीं खर्च हो पाए। तो फिर आखिर पब्लिक फंडेड यूनिवर्सिटी की फीसें क्यों बढ़ रही हैं?
जवाब दीजिए! नहीं है न जवाब!
Shame on Delhi Police and the brutality they inflicted on peaceful students. We are protesting for affordable education.
You have no excuse for this behaviour @DelhiPolice #jnuprotest #EmergencyinJNU #FeesMustFall pic.twitter.com/xSTeVG2Lpt— JNUSU (@JNUSUofficial) November 18, 2019
साफ दिख रहा है कि सरकार द्वारा शिक्षा उपकर और हायर सेस का भी पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया फिर भी मनमाने तरीके से फीस बढाई जा रही हैं ताकि प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लिए रास्ता साफ हो सके।
JNU isn't the only Univ with low fees.
Other Univs incl BHU hv fees as low or lower.
The attack on JNU is only the beginning, fees will be hiked in all Univs. Univ education will become reserved for the rich. Farmers', workers' kids will be evicted from Univs.#TaxPayersWithJNU pic.twitter.com/a5Y5NQKdC8— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) November 19, 2019
क्या आप जानते हैं कि जेएनयू की प्रस्तावित फीस वृद्धि यदि अमल में लाई जाती है तो यह देश के 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा होगी।
जेएनयू की फीस का विरोध छात्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इसमें कई तरह के सर्विस चार्ज जोड़े जा रहे हैं जो पहले नहीं जोड़े जाते थे। जैसे कि- रखरखाव, मेस चार्ज, कुक और सैनिटेशन जैसे खर्च भी अब वसूले जाने की बात की जा रही है जो अब तक हॉस्टल फीस में नहीं जुड़े होते थे।
https://twitter.com/JNUSUofficial/status/1196386948840976385
यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि जेएनयू की पुरानी हॉस्टल फीस देश के तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सबसे कम थी, लेकिन ये पूरी तरह से गलत है। आपको बता दें कि विश्व भारती विश्वविद्यालय, एचसीयू, एएमयू, एनईएचयू और पांडिचेरी विश्वविद्यालय के हॉस्टल की फीस जेएनयू जितनी नहीं बल्कि उससे भी कम है, डीयू को छोड़कर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के हॉस्टल की फीस कमोबेश समान ही है।
और ये भी तो सोचिए कि कौन पढ़ता है इन जेएनयू जैसी जगहों पर? देश के दूरदराज के गांवों कस्बों से आए बेहद गरीब प्रतिभाशाली बच्चे! जो आपके हमारे बीच से ही निकल कर आते हैं, क्या इस बढ़े हुए फीस स्ट्रक्चर में एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा जेएनयू में पढ़ने का ख्वाब पूरा कर पाएगा?
While the students were dispersing in the evening, they were chased and hit by policemen, including plainclothes officers.https://t.co/PjCT4FBNhB
— The Telegraph (@ttindia) November 19, 2019
आप यह क्यों नही समझ रहे हैं कि जेएनयू के छात्रों का यह आंदोलन महज फीस बढ़ोतरी के विरोध का आन्दोलन नहीं है! यह लगातार महंगी होती शिक्षा के खिलाफ एक सार्थक पहल है जिसकी जद में हमारे अपने भी एक न एक दिन आने वाले हैं।
Sashibhushan Samad, SSS Councillor, is critical in AIIMS. Police boots stomped over his chest. He is Visually Handicapped. #EmergencyinJNU #StandWithJNU #FeesMustFall #jnuprotest pic.twitter.com/zSkmikuQuY
— JNUSU (@JNUSUofficial) November 18, 2019
क्या आप अपने बच्चों को महँगी शिक्षा देने वाली जियो यूनिवर्सिटी में पढ़ते देखना चाहते हैं? क्या आप उनकी बेहद महंगी फीस भरने को तैयार हैं?
JNU is India's top Univ.
If Govt stops waiving taxes for corporations, it could fund 250 JNUs.
Taxpayers money collected for education cess remains unspent.
Taxes should be spent on education, healthcare for all.
That's why #TaxPayersWithJNU pic.twitter.com/6FuWzsnKYd— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) November 19, 2019
जेएनयू का आंदोलन एक प्रतीकात्मक आंदोलन है। इस महंगी होती शिक्षा के खिलाफ! आज यदि आप सरकार की दमनकारी नीतियो के खिलाफ उठ कर खड़े नहीं हुए तो कल को कुछ नहीं बचेगा।
याद रखिए जब सड़कें वीरान हो जाती हैं तो संसद आवारा हो जाती है।