एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में अदालती फैसले के करीब डेढ़ महीने बाद ख़बर आई है कि पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता, इकनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली और दि वायर पर किए गए अडानी समूह के मानहानि के मुकदमे में अडानी की ”हार” हुई है। वेबसाइट काउंटरव्यू ने 31 दिसंबर को ख़बर प्रकाशित की है कि ”अडानी समूह को 500 करोड़ के लाभ” से संबंधित इस मुकदमे में भुज की एक अदालत ने अडानी के अंतरिम आवेदन पर नवंबर में ही फैसला दे दिया था जिसमें उसने विवदित लेख के प्रकाशक और लेखक के खिलाफ मानहानि के मुकदमे को ”खारिज” कर दिया है और इन्हें लेख में से एक वाक्य और एक शब्द हटाने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट कहती है कि 16 नवंबर को आए इस अदालती फैसले का मीडिया ने कोई संज्ञान नहीं लिया। आश्चर्यजनक यह है कि जिनके ऊपर मुकदमा हुआ, ऐसा लगता है कि खुद उन्हें भी इस बात की उस वक्त ख़बर नहीं मिल सकी कि अदालत ने मानहानि का मुकदमा खारिज कर दिया है। काउंटरव्यू की इस खबर को परंजय गुहा ठाकुरता ने भी ट्वीट किया है।
Interim application by Adani Power alleging defamation against Wire, P Guha Thakurta, Shinzani Jain, Advait Rao Palepu & Abir Dasgupta, has been dismissed by the Bhuj court, after directing redaction of a sentence and an adverb in an article >3,500 words. https://t.co/e7TVOv1OkT
— ParanjoyGuhaThakurta (@paranjoygt) January 1, 2018
दि वायर ने लिखा है कि वह 16 नवंबर के आदेश का अनुपालन कर रहा है और संबंधित वाक्य व शब्द को स्टोरी में से हटा रहा है। जिस वाक्य को हटाने के लिए अदालत ने कहा है वह निम्न है:
”हाइकोर्ट को भ्रमित किया गया और गलत तरीके से दर्ज किया कि डीटीए को एसईजेड से देय बिजली पर कस्टम्स शुल्क लागू नहीं होगा क्योंकि इससे दोहरा कराधान हो जाएगा।” इसी पैरा में एक शब्द ”सरप्राइजिंगली” हटाने को कहा गया है क्योंकि इस आरोप का ”परीक्षण” नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि इस निर्देश के अलावा निजी मानहानि का सारा अनुरोध ”खारिज” किया जा रहा है।
ध्यान रहे कि मानहानि का मुकदमा होने के बाद ईपीडब्लू ने लेख को अपनी वेबसाइट से हटा लिया था और ठाकुरता से इस्तीफा दे दिया था। इसी लेख को दि वायर ने अपने यहां दोबारा प्रकाशित किया था।
काउंटरव्यू ने दि वायर के वकील सरीम नवेद और लेखकों के हवाले से बताया है कि ”केवल अंतरिम आवेदन पर निर्णय हुआ है। मुकदमा अभी बाकी है।”
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