एक गिरता हुआ रथ दूसरे को सावधान करता है. कल ब्रिटेन की प्रसिद्ध ट्रैवल कंपनी थॉमस कुक दिवालिया हो गई. कंपनी की इस हालत की वजह से पूरी दुनिया में उसके लाखों ग्राहक फंस गए हैं. ब्रिटिश सरकार का कहना है कि 178 साल पुरानी इस कंपनी के 1 लाख 50 हजार ग्राहक छुट्टियां बिताने के लिए बाहर गए थे. अब सरकार के सामने यह चुनौती हैं कि सभी लोगों को सुरक्षित अपने देश वापस कैसे लाया जाए?
The massive airlift, using chartered jetliners, follows the collapse of the 178-year-old company after eleventh-hour fundraising talks with investors failed.https://t.co/rTTMG72Iuy
— NDTV Profit (@NDTVProfitIndia) September 24, 2019
ब्रिटेन सरकार ने छुट्टियां बिताने बाहर गए डेढ़ लाख नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए आपात योजना पर काम शुरू किया है. उसने बुल्गारिया, क्यूबा, तुर्की और अमेरिका गए लोगों को वापस लाने के लिए विमानों की व्यवस्था की है. ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि सरकार ने और ब्रिटेन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने थॉमस कुक के ग्राहकों को स्वदेश लाने के लिए कई विमानों को किराये पर लिया है.
उन्होंने कहा, ‘जो भी लोग बाहर हैं और अगले दो सप्ताह के भीतर उन्हें लौटना है, उन्हें पूरी कोशिश रहेगी की वापस आने की बुकिंग तिथि के आसपास ही स्वदेश लाने की व्यवस्था की जायेगी.’
https://twitter.com/ThomasCookUK/status/1175953082238275585
थॉमस कुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर फेंक हौउजर ने कहा, ‘यह मेरे और कंपनी बोर्ड के बाकी सदस्यों के लिए गहरे खेद का विषय है कि हम सफल नहीं हो पाए. यह कंपनी के लिए बहुत बुरा दिन है.’ कंपनी यात्रा संचालक होने के साथ ही एयरलाइन भी चलाती है. दिवालिया होने के साथ ही उसके विमान खड़े हो गए और ट्रैवल एजेंसी बंद हो गई. उसके दुनियाभर में फैले 22,000 कर्मचारी नौकरी गंवा बैठे। इनमें से 9,000 कम्रचारी अकेले ब्रिटेन में हैं.
बता दें कि थॉमस कूक यूके और थॉमस कुक इंडिया दोनों ही अलग-अलग हैं. जो कंपनी दिवालिया हुई है उसका नाम थॉमस कुक यूके हैं.
थॉमस कुक इंडिया लिमिटेड ने अपने बयान में कहा है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत है. थॉमस कुक यूके के दिवालिया होने से भारतीय ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दिवालिया ग्रुप से उसका कोई लेना-देना नहीं है. बता दें कि 2012 में कनाडा के ग्रुप फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग ने थॉमस कुक इंडिया का 77 फीसदी हिस्सा खरीद लिया था. तब से थॉमस कुक यूके का थॉमस कुक इंडिया में कोई हिस्सा नही है.
Madhvan Menon, Chairman&MD Thomas Cook India Ltd: There are 2 companies, UK based Thomas Cook Plc & Thomas Cook India. Former stopped owning shares in Thomas Cook India in 2012. We've no relation, our balance sheet is independent&sound. What has happened in UK is localized to UK. pic.twitter.com/4DdWkFwfgZ
— ANI (@ANI) September 23, 2019
भारत में जिस तरह से ऑनलाइन ट्रेवल बुकिंग और होटल बुकिंग का क्रेज बढ़ा है यह स्थिति कभी भी भारत में पैदा हो सकती है. बल्कि ऐसी कई छोटी छोटी घटनाएं हुई है जिसमें ग्राहकों को परेशानी भुगतनी पड़ी है.
मेक माई ट्रिप डॉट कॉम, गोइबिबो डॉट कॉम, यात्रा डॉट कॉम, ट्रेवलगुरु डॉट कॉम, क्लियरट्रिप डॉट कॉम, बुकिंग डॉट कॉम, होटल्स डॉट कॉम, फैब होटल्स डॉट कॉम आदि कई कम्पनियां यह काम कर रहीं हैं. लेकिन इस सिलसिले में सबसे अधिक जो नाम सुनने में आता है वह है ओयो रूम्स का.
ओयो रूम्स को अब दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन होटल चेन का दर्जा दिया जा रहा है. अपने सस्ते रेट और ज्यादा शहरों तक पहुंच से ओयो ने खूब नाम कमाया. लेकिन अब इसके बारे में अनेक ऐसी बातें सामने आई है जिससे लग रहा है कि इसके सितारे अब गर्दिश में आ गए हैं.
ओयो रूम्स को सबसे अधिक लोकप्रियता अपने कपल्स फ्रेंडली रूम सर्विसेज के लिए मिली अनमैरिड कपल्स ओयो रूम्स में अपना स्थानीय पहचान पत्र दिखाकर रूम किराए पर ले सकते थे यह सुविधा बड़े मेट्रो शहरों सहित 100 शहरों में चालू की गई इस ट्रेंड ने ओयो के व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. लेकिन मार्केट में कॉम्पीट करने के लिए ओयो को अपने रूम्स की कीमत कम रखना पड़ी ओर जैसे सब स्टार्टअप घाटा झेल रहे हैं वैसे ही ‘ओयो’ को वित्तीय वर्ष 2018 में 330.97 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति पहुंची , वर्तमान में ओयो देश भर के 230 शहरों में 8500 होटल और 70,000 हज़ार से अधिक कमरों को संचालित करने का दावा करता हैं। इस हिसाब से ओयो साल भर में एक कमरे पर 30 से 40 हजार रुपए का घाटा उठाता हैं.
India’s Oyo battles to become world’s biggest hotel chain https://t.co/RpYPip4zA5
— Financial Times (@FT) September 18, 2019
लेकिन उसके इस तरह से घाटा उठाने पर सबसे ज्यादा Oyo से जुड़े होटल पार्टनर कंपनी से परेशान हैं होटल मालिको पेमेंट और कमीशन को लेकर नाखुश हैं. यह समस्या किसी एक शहर तक ही सीमित नहीं है अब देश भर में ‘ #Say No to Oyo’ कैम्पेन चलाया जा रहा है.
Haridwar #Says #NoToOyo #OyoTheMenace #SayNoToOyo #Oyo #Fraud #Cheat #JoinUs #linkedin pic.twitter.com/1egq0QFE8H
— Guesthouse Welfare Association, India (@BEWAREOFOYO) September 4, 2019
कहा जा रहा है कि अब अगर,आपने Oyo में रूम बुक किया है तो इस बात की गारंटी नहीं है कि होटल में पहुंच कर आपको वह कमरा मिलेगा, क्योंकि होटल मालिकों ने अब Oyo के जरिए कस्टमर को कमरा देने से इनकार करना शुरू कर दिया है.
पिछले साल भी यह मामला उठा था और ओयो ने होटल मालिकों को चेतावनी दी थी कि कुछ लोग समझौतों को रद्द करने और ऑनलाइन बुकिंग स्वीकार नहीं करने की धमकी देते रहते हैं. इसे संविदा व्यवस्था के तहत चूक माना जाएगा और कंपनी उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी.
होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बात करें तो वे अलग ही तस्वीर पेश करते हैं. ओयो होटल मालिकों के साथ ऊबर और ओला के ड्राइवर सरीखा व्यवहार कर रही है. होटल मालिकों का कहना है कि इस ओयो के सस्ते रूम के ऑफर की वजह से उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है.
एक होटल मालिक ने कहा कि पिछले 6 महीने से 1000-1200 के कमरे 300-400 में रेंट पर दे रहे हैं. इससे उन्हें हर महीने लाखों का नुकसान हो रहा है. आरोप है कि ओयो कंपनी पॉलिसी के नाम पर हिडन चार्ज वसूल रही है. इसका पता उन्हें तब चलता है जब हर महीने वे अपनी बैलेंस शीट देखते हैं.
एफएचआरएआई के प्रेसिडेंट गुरुबख्श सिंह कोहली कहते हैं कि उन्हें किसने हक दिया है कि आपकी चीज को वह आपके पीछे घाटे में बेचें. इससे आपका भी घाटा और उनका भी घाटा. उन्हें तो फंडिंग मिली हुई है. वह तो चाहते हैं कि मार्केट कैप्चर कर लें. कोहली का कहना है कि आप होटल लेकर बैठे हैं, आप यह अफोर्ड नहीं कर सकते जो रूम 4000 रुपये का है, उसे दो या ढाई हजार में बेचें.
होटल मालिक कहते हैं कि ओयो के आने से जितना व्यापार नहीं बढ़ा, उससे ज्यादा खर्च बढ़ गया है. करोड़ों रुपए खर्च कर होटल बनाने वाले मालिकों से ओयो के लोग बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार करते हैं
अब होटल मालिकों और ओयो के पेमेंट से जुड़ा विवाद ग्राहक को मुश्किलों में डाल रहा है. पिछले दिनों इंदौर से जोधपुर घूमने आए परिवार को जोधपुर के होटल ने ओयो के नाम पर एंट्री नहीं दी.परिवार ने ओयो से शिकायत की तो देर रात 70 किमी दूर पाली में रूम बुक कर दिया. परिवार ने पाली जाने से पहले वहां की होटल में फोन कर लिया तो पता चला कि वहां भी ओयो की एंट्री नहीं है. ऐसे में अपने टैक्सी ड्राइवर की मदद से उन्हें देर रात पौने दो बजे शहर में दूसरी होटल मिल गई, नहीं तो पूरे परिवार को रात सड़क पर बितानी पड़ती.
ऐसा ही किस्सा शिमला का भी है विमल गोयल अपने 11 साथियों के साथ शिमला घुमने आए थे. इस ग्रुप ने OYO के जरिए राम बाजार में एक होटल में 4 कमरे बुक करवाए थे. बुकिंग करने के साथ ही एडवांस के रूप में 2500 रुपये भी कंपनी के खाते में जमा करवाए. भारी बारिश के बीच अपना सामान उठाकर यह ग्रुप जब होटल पहुंचा तो पता चला कि इनके नाम पर यहां कोई कमरा बुक ही नहीं है. परेशान होकर उन्होंने भी बुकिंग करने वाली OYO कंपनी के खिलाफ शिमला के सदर थाने में धोखाधड़ी की शिकायत करवाई.
ऐसे ही सैकड़ों मामले और हैं. क्योंकि देश भर में होटल मालिकों का कहना है कि उनके हजारों-लाखों रुपये ओयो में फँसे हुए हैं और कंपनी हर साल घाटा दिखा रही है.