कुछ भी मुमकिन है! युद्ध हो गया और नहीं भी हुआ!


24 फरवरी को इसके प्रकाशित होने के बाद भारत ने कथित रूप से पाकिस्तान पर हमला किया।




संजय कुमार सिंह

यह टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित स्वामिनाथन ए अय्यर का एक पुराना कॉलम – स्वामीनोमिक्स है। इसके अंतिम पैराग्राफ का अनुवाद यूँ होगा –

‘एक विकल्प पाकिस्तानी ठिकानों पर फर्जी हमले का है। इससे सैनिक प्रतिवाद की आशंका नहीं है और युद्ध का जोखिम कम हो जाता है। पाकिस्तान में भारत के एजेंट जरूर होंगे पर उनका प्रभाव अनजाना है। पाकिस्तान में सभी कायदे के ठिकाने हाई अलर्ट पर हैं। इसलिए हमला करने वाले मारे जा सकते हैं। ऐसे में एक उपाय है कि किसी पुराने आतंकवादी शिविर, ऑफिस या आतंकवादी का चुनाव किया जाए। जो ज्यादातर खाली या निष्क्रिय होगा। इसलिए उनकी सुरक्षा नहीं होगी या कम होगी।

क्यों नहीं फर्जी कार्रवाई में इन्हें उड़ा दिया जाए और फिर हुए नुकसान तथा हताहतों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए। आजकल वीडियो में काफी रचनात्मक हेरा-फेरी संभव है और इससे भारी सफलता की छवि बनाई जा सकती है। इसके बाद मीडिया जीत की कहानी लपक लेगा और विपक्ष वाले विरोध करेंगे तो उनकी देश भक्ति पर सवाल उठाया जा सकेगा।

यह थिएटर का एक उदाहरण है। बेशक मोदी और भी सोच सकते हैं।’

इसका आलेख का मुख्य शीर्षक है, राजनैतिक थिएटर पर ही जमे रहिए, पाकिस्तान से युद्ध के जोखिम के मुकाबले यह सुरक्षित है।

योगेन्द्र यादव ने आज इसे ट्वीट किया है। कहने की जरूरत नहीं है कि 24 फरवरी को इसके प्रकाशित होने के बाद भारत ने कथित रूप से पाकिस्तान पर हमला किया। अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने इसकी खबर रायटर के हवाले से छापी थी। टेलीग्राफ ने आज फिर छापा है कि हमले से हुए नुकसान के सबूत सार्वजनिक किए जाने चाहिए क्योंकि इस व्यक्ति को भारत के वायु हमले का एकमात्र पुख्ता पीड़ित कहा जा रहा है।