वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या के मामले में सनातन संस्था नाम के कट्टर हिंदूवादी संगठन से जुड़े पांच संदिग्धों का नाम सामने आया है। यह रिपोर्ट अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी है। अखबार के मुताबिक इन पांच संदिग्धों में से चार को 2009 में हुए गोवा के मडगांव बम धमाके में कथित रूप से शामिल होने के मामले में इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी दिया गया है। ज्ञात हो कि 5 सितंबर को बंगलुरु स्थित आवास के बाहर निर्भीक पत्रकार गौरी की हत्या कर दी गई थी।
पांचों संदिग्धों की पहचान कोल्हापुर के रहने वाले प्रवीण लिमकार (34), मंगलोर के जयप्रकाश उर्फ अन्ना (45), पुणे के सारंग अकोलकर (38), सांगली के रहने वाले रुद्र पाटिल (37) और सतारा के विनय पवार (32) के रूप में हुई है।
गौरी की हत्या में ये मुख्य संदिग्ध हैं जिनकी जांच कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच टीम कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के कोल्हापुर में 20 अगस्त 2013 को तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर (69) की हुई हत्या के मामले में सीबीआई जांच में रुद्र पाटिल, सारंग अकोलकर और विनय पवार का नाम सामने आया था। इन तीनों का नाम वामपंथी विचारक गोविंद पानसरे (81) की 16 फरवरी 2015 को हुई हत्या के बाद महाराष्ट्र एसआईटी की जांच में तथा धारवाड़ में कन्नड़ विद्वान व शोधकर्ता एमएम कलबुर्गी (77) की 30 अगस्त 2015 को हुई हत्या की जांच में भी सामने आया है।
ये पांचों संदिग्ध फिलहाल फ़रार चल रहे हैं। सनातन संस्था के एक प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के बताया था कि उनकी संस्था के कुछ लोग शायद इस डर से फ़रार हैं कि कहीं उन्हें झूठे मामले में न फंसा दिया जाए।
इस बीच गौरी लंकेश को मरणोपरांत अन्ना पोलित्कोव्यसकाया पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार लंदन की एक संस्था देती है। अन्ना रूस की एक पत्रकार थीं जिनकी हत्या कर दी गई थी। उनके नाम पर गठित इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली गौरी भारत की पहली पत्रकार हैं।