Satyodaya.com से साभार
हिंदी के वयोवृद्ध लोकप्रिय कवि गोपाल दास ‘नीरज’ के निधन के दो दिन बाद बड़ा खुलासा हुआ है। यह खबर सत्योदय डॉट कॉम ने प्रकाशित कि है जिसमें बताया गया है कि निधन से पहले ही 17 जुलाई को गोपाल दास ने इच्छा मृत्यु के लिए अलीगढ़ के जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा था। इस बात की पुष्टि स्वयं अलीगढ के डीएम ने की है।
पत्र में नीरज ने लिखा था कि उम्र के इस पड़ाव पर अब शरीर साथ नहीं दे रहा है, साथ ही अपनी बीमारियों का हवाला देकर उन्होंने इच्छा मृत्यु की मांग की थी। पत्र में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इच्छा मृत्यु के लिए कानून का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मेरा शरीर अब इस लायक नहीं रहा कि कुछ कह कर नहीं पा रहा हूँ इसलिए मुझे स्वेच्छा से मृत्यु का वरण करने दिया जाये।
यह खुलासा गोपालदास नीरज के द्वारा जिलाधिकारी चंद्रभूषण को लिखे गए पत्र से हुआ है। पत्र में नीरज ने डीएम से हेलीडेथ इंजेक्शन को उपलब्ध कराने की मांग की थी।
यह पत्र एक सप्ताह पहले ही लिखा गया था जो जिलाधिकारी को गोपाल दास नीरज के निधन से एक दिन पहले ही प्राप्त हुआ था। जिलाधिकारी ने पत्र सार्वजानिक करते हुए कहा कि उम्र के इस पड़ाव में बीमारियों से शरीर को असहनीय पीड़ा हो रही थी।
उन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपना शरीर दान किये जाने की भी इच्छा जताई थी जिससे मृत्यु के बाद भी उनका शरीर मानवता की भलाई के लिए काम आ सके।
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