रविवार रात 12 बजे दि इंडियन एक्सप्रेस ने कॉरपोरेट के काले धन पर सबसे बड़ा उद्घाटन चालू किया है जिसका नाम है पैराडाइज़ पेपर्स। दुनिया भर के 67 देशों के 382 पत्रकारों ने दस महीने की मेहनत से 1 करोड़ 34 लाख काग़ज़ात का अध्ययन कर के 1950 से 2016 के बीच ऑफशोर कंपनियों में जमा काले धन पर काम किया।
जर्मनी के अखबार Süddeutsche Zeitung द्वारा हासिल इन काग़ज़ात का अध्ययन इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने किया है जिसमें कुल 96 समाचार प्रतिष्ठान शामिल हैं।
"The documents speak for themselves." – ICIJ's director Gerard Ryle on our upcoming project. Sign up: https://t.co/NLua7AyzpH #PanamaPapers pic.twitter.com/T5PBDaqhFy
— ICIJ (@ICIJorg) November 5, 2017
कुल 40 किस्तों में दि इंडियन एक्सप्रेस भारत के नामों का खुलासा करेगा। अधिकतर रिकॉर्ड बरमूडा की लॉ फर्म ऐपलबी से हासिल किए गए हैं। इस डेटा में कुल 180 देशों के नाम शामिल हैं लेकिन सबसे ज्यादा कर चोरों की संख्या के मामले में भारत 19वें स्थान पर है। रविवार रा3 12.30 बजे के बाद से इन नामों का खुलासा होना है।
कॉरपोरेट कर चोरों और काला धन व्यापारियों की भारत की सूची में 714 नाम शामिल हैं। ऐपलबी के दूसरे सबसे बड़े ग्राहक के रूप में एक भारतीय कंपनी का नाम सामने आ रहा है। ऐपलबी के कई ग्राहकों के ऊपर सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय की जांच पहले से ही जारी है।
#ParadisePapers | 714 Indian names in largest data leak ever
Full coverage: https://t.co/zojG0JNg4l pic.twitter.com/faNKpGi5YE— The Indian Express (@IndianExpress) November 5, 2017
यह उद्घाटन इसलिए भी अहम है क्योंकि इन नामों में एक कंपनी ऐसी है जिसके 2जी घोटाले में शामिल होने के चलते ऐपलबी को लेटर ऑफ रोगेटरी भेजा जा चुका है।
अंतरराष्ट्रीय पैमाने पर यह इसलिए अहम है क्योंकि ट्विटर और फेसबुक में निवेश करने वाली एक रूसी कंपनी का नाम चोरों की सूची में शामिल है।