‘ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स’ में भारत की रैंकिंग गिरी, मीडिया की आजादी भी खतरे में
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के वार्षिक ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में पिछले साल भारत 32वें नंबर पर था लेकिन इस बार 10 पायदान नीचे खिसक कर 42 पर आ गया है। भारत की रैंकिंग में आई इस गिरावट की वजह है उग्र दक्षिणपंथ, उग्र राष्ट्रवाद, मॉब लिन्चिंग और गौरक्षकों का उत्पात।
बेहतर लोकतांत्रिक देशों की सूची में नार्वे पहले स्थान पर है, वहीं उत्तर कोरिया सबसे नीचे है।
The 2017 edition of the Democracy Index records the worst decline in global democracy in years. Freedom of expression is facing new challenges from both state and non-state actors, and is a special focus of this year's report. Download now to learn more: https://t.co/op5DNjaJsB pic.twitter.com/E5lqq82aPr
— Economist Intelligence: EIU (@TheEIU) January 31, 2018
रिपोर्ट कहती है- “कट्टरवादी धार्मिक विचारधाराओं ने भारत के लोकतंत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया है, दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों की मजबूती और उनसे सेक्युलर देश पर जो खतरा बढ़ा है उसके पीछे की बड़ी वजह है गौरक्षकों का आतंक और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं; जहां पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है।”
‘चुनावी प्रक्रिया’ और ‘विविधता’ में भारत की स्थिति बेहतर है लेकिन अन्य चार पैमानों राजनीतिक संस्कृति, सरकारों का कामकाज, सरकार में भागीदारी और नागरिक स्वतंत्रता जैसे पैमाने पर भारत की स्थिति बिगड़ी है; विशेषकर नागरिक स्वतंत्रता के पैमाने पर।
इस रिपोर्ट में ‘मीडिया फ्रीडम’ को भी मापा गया है जिसमें पाया गया कि भारत में मीडिया ‘आंशिक रूप से आजाद’ है यानी मीडिया को पूरी तरह से स्वतंत्रता नहीं है। यहां पर पत्रकार को सरकार से खतरा है, सेना से खतरा है और कट्टरपंथी संगठनों से खतरा है इसलिए भी यहाँ के पत्रकार अपना काम बखूबी नहीं कर पाते हैं।