
मंगलवार को दो दिन बाद शेयर मार्केट खुलने पर दलाल पथ पर जश्न का माहौल था क्योंकि पहली बार शेयर सूचकांक बीएसई और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर गया है। उसके पीछे माना जा रहा है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस यानी आरकॉम के कर्ज निपटारे संबंधी उसके मालिक अनिल अम्बानी की प्रेस कॉफ्रेंस का हाथ है। इसी बीच अम्बानी को लेकर कुछ गंभीर सवाल भी खड़े हुए हैं।
दरअसल, 20 दिसंबर को 2जी घोटाले के संबंध में अदालत का फैसला आया था जिसमें कहा गया था कि अदालत के समक्ष ऐसा कोई साक्ष्य नहीं आया जिससे स्थापित हो सके कि घोटाला हुआ था। इस फैसले के ठीक एक दिन पहले आरकॉम के शेयरों के दाम में 35 फीसदी का उछाल देखने में आया था। 20 दिसंबर को फैसला आने के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने अनिल अम्बानी की कंपनी से शेयरों में आए इस उछाल के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था।
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इस बारे में स्पष्टीकरण आज छह दिन बाद भी नहीं आया है, जैसा कि मनीकंट्रोल डॉट कॉम पर लिखा है, ”जवाब का इंतज़ार है।” सवाल उठ रहे हैं कि क्या आरकॉम को 2जी पर आने वाले फैसले की जानकारी पहले से ही थी कि उसके शेयरों के दाम अचानक चढ़ गए?
मामला सिर्फ इतना ही नहीं है। आज मंगलवार को इकनॉमिक टाइम्स ने आरकॉम से जुड़ी एक खबर छापी है जिसमें अनिल अम्बानी का बयान है कि कंपनी मार्च 2018 तक अपने कर्ज को 25000 करोड़ कम कर लेगी। इसके लिए कंपनी स्पेक्ट्रम, टावर और फाइबर की बिक्री करेगी। एक बार फिर इस खबर पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने आरकॉम से स्पष्टीकरण मांगा है।
ध्यान रहे कि आरकॉम और अन्य टेलीकॉम कंपनियों के शेयर चढ़ने के दाम चढ़ने के कारण ही मंगलवार को बीएसई का कांटा 34000 के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है।
एक ही सप्ताह के भीतर कंपनी से दो स्पष्टीकरण मांगे गए हैं। दोनों का जवाब अब तक नहीं मिल सका है। इस बीच माना जा रहा है कि आरकॉम की परिसंपत्तियों की खरीद में अनिल अम्बानी के भाई मुकेश अम्बानी की रिलायंस जियो सौदेबाज़ी की दौड़ में सबसे आगे है। इस पर वरिष्ठ बिजनेस पत्रकार सुचेता दलाल ने एक दिलचस्प टिप्पणी की है:
Bhai-bhai or is it eating humble pie? :-)) https://t.co/eRhLDMGl9y
— Sucheta Dalal (@suchetadalal) December 26, 2017