विष्णु राजगढ़िया
पटना में बिहार उद्यमी एसोसिएशन का कार्यक्रम 22 मार्च को था। इसमें स्टार्टअप्स को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सवाल पूछने पर पुलिस ने दो उद्यमियों को छह घंटो तक थाने में बंद रखा। दोनों को खाने-पीने या बाथरूम जाने नहीं दिया। परिवार से संपर्क भी नहीं करने दिया गया।
अंग्रेजी अख़बार द टेलीग्राफ में छपी खबर के अनुसार बेगूसराय के छोरही के 46 वर्षीय सुरेश कुमार और मधुबनी के निमी कुमार 43 ने कार्यक्रम में नीतीश कुमार से कुछ सवाल पूछे थे। स्टार्ट अप के लिए अनुदान और बैंकों से लोन में दिक्कत पर सवाल किये। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और 6 घंटे तक हिरासत में रखा। गांधी मैदान थाने में एक कमरे में बंद कर दिया गया।
इधर महाराष्ट्र के शिव सेना सांसद रविन्द्र गायकवाड़ ने एयर इण्डिया के एक कर्मचारी को चप्पल से पीटा। फिर कहते हैं कि मैं मोदी का नहीं, शिव सेना का सांसद हूँ। इसके बाद अपनी बदतमीजी पर शर्मिंदा होने के बजाय एयर इण्डिया के बड़े अधिकारी को ही आकर माफ़ी मांगने की बात कहने लगे।
पिछले साल शिव सेना सांसदों ने दिल्ली में एक सरकारी गेस्ट हॉउस में एक मुस्लिम कर्मी के मुंह में जबरन रोटी ठूंस दी थी, जबकि वह रोजे में था। देश के सांसदों विधायकों द्वारा टोल टैक्स कर्मियों से मारपीट की घटनाएं भी अक्सर सुनी जाती हैं।
यह कैसा लोकतंत्र बना रहे हैं हम जिसमें आम आदमी की हैसियत कीड़े मकोड़े से भी बदतर कर दी गई है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंगा यमुना नदियों को भी इंसान समझने की बात कही है। लेकिन जहाँ इंसान की हैसियत कुत्ते से बदतर कर दी गई हो, वहां हम प्रकृति, पेड़ और नदियों से बेहतर व्यवहार की क्या उम्मीद करें।
इन चीजों को पार्टीलाइन से ऊपर उठकर हमें आम आदमी की तरह सोचना होगा ताकि हमीं से ताकत लेकर हमीं पर गुर्राने वाले इन सत्ता के भूखे लोगों को नागरिक की ताकत बता सकें।