CAB:सरकार ने जारी किया निर्देश-असम और पूर्वोत्तर में जारी प्रदर्शन को न दिखाएं TV चैनेल

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बुधवार, 11 दिसम्बर को जब राज्यसभा में नागरिकता विधयेक पर बहस चल रही थी उस वक्त असम सहित पूरे पूर्वोत्तर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहा था. यह विरोध प्रदर्शन नागरिकता विधेयक के लोकसभा में पेश होने से पहले शुरू हुए थे और लोकसभा में पास हो जाने के बाद विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था. असम के कई जगह आगजनी और हिंसा हुई. त्रिपुरा में भी हिंसक झड़पें हुई. इन ख़बरों के प्रसारण को रोकने के लिए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी किया है.

सरकार की ओर से जारी इस निर्देश में हिंसा को भड़काने वाले कंटेंट नहीं दिखाने को लेकर देश-विरोधी नजरिये और ऐसा कुछ भी जो देश की अखंडता को प्रभावित करता हो’ से बचने की सलाह दी गई है. इस निर्देश में कहा गया है कि सभी निजी चैनेल इन दिशानिर्देशों का सख़्ती से पालन करें.

इस मुद्दे को राज्यसभा में तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उठाया .

नागरिकता कानून पास होने के पहले से असम की यूनिवर्सिटी में ज़बरदस्त विरोध हो रहा था. असम के अलावा पूर्वोत्तर के दूसरे इलाकों में भी इस कानून का विरोध हो रहा है.

एक तरफ सरकार ने केबल नेटवर्क रेगुलेशन 1995 का हवाले देकर आदेश जारी कर टीवी पर प्रदर्शन दिखाने को मना किया गया, वहीं मणिपुर राज्य गृह विभाग की ओर से 9 दिसम्बर को यह भी निर्देश जारी किया गया था कि जैसे ही बिल संसद में आये सभी अधिकारी जश्न मनाये मोदी और अमित शाह की तस्वीर के साथ!

बता दें कि असम सहित पूरे पूर्वोत्तर में अब भी प्रदर्शन जारी है. असम में  11 दिसम्बर को 12 घंटे के लिए इन्टरनेट सेवा बंद कर दी गई है . वहीं त्रिपुरा में भी इन्टरनेट सेवा बंद की गई थी.  असम में पुलिस ने कई जगह प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.

प्रदर्शनकारियों ने डिब्रूगढ़ में आरएसएस ऑफिस में हमला करने की कोशिश की है . वहीं प्रदर्शन के कारण सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है. रेल और हवाई सेवाएं प्रभावित हुई हैं.