CAB: असम में बीते 24 घंटे में पुलिस फायरिंग में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत!

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उत्‍तर-पूर्व Published On :


लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया. उधर इसके विरोध में असम सहित पूरा पूर्वोत्तर जल रहा है. असम में पुलिस फायरिंग में मृतकों की संख्या बढ़ कर तीन हो गई है. 

 

ये तीन मौतें बीते 24 घंटे में हुई हैं. 

सीएबी मुद्दे पर अभिनेता और असम बीजेपी नेता जतिन बोरा ने पार्टी से इस्तीफा दिया है.

सरकार द्वारा प्रदर्शन की खबर न दिखाने से सम्बंधित दिशानिर्देश जारी करने के बाद सरकारी आल इंडिया न्यूज़ की खबर है कि असम में आर्मी फ्लैग मार्च कर रही है.

खबर है कि लोगों ने धारा 144 को तोड़ कर प्रदर्शन करने निकल आये हैं और पुलिस ने फायरिंग की जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं.

क्या कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन के बाद भी असम के लोग उनका भरोसा नहीं कर पा रहे हैं ?

असम में इन्टरनेट सेवा बंद करने के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर असम के लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है!

विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री ने असम के लोगों से अपील करते हुए अपने ट्वीट में कहा, ‘‘मैं आपको आस्त करना चाहता हूं कि कोई आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और खूबसूरत संस्कृति को छीन नहीं सकता है. यह आगे बढता और फलता-फूलता रहेगा. ’’ उन्होंने कहा कि वह असम के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित होने से उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

लेकिन असम के लोग शायद प्रधानमंत्री के आश्वासन पर भरोसा नहीं कर रहे हैं. क्यों? ऐसे कई सवाल हैं.

असम में राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है.

असम में इस विरोध के कारण सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

अमित शाह के मुताबिक जब देश में सब कुछ ठीक है और यह विधेयक किसी के खिलाफ नहीं तो असम क्यों उबल रहा है? लाठीचार्ज और रेल और हवाई सेवाएं क्यों प्रभावित हो रही है? क्या असम सहित पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध देश विरोधी है?

नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को लोकसभा से मंजूरी मिलते ही असम में प्रदर्शन होने लगे और यह दिनोंदिन उग्र होते जा रहे हैं. बुधवार को जब इस विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा हो रही थी, उस वक्त प्रदर्शनकारियों ने राजधानी दिसपुर में राज्य सरकार के सचिवालय को घेर रखा था.

विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं छोड़ कर क्यों छात्र असम में सीएबी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं सरकार इस बारे में क्यों नहीं सोच रही है?

संसद में भले ही बिल पास हो गया हो लेकिन सड़क पर अभी भी संग्राम जारी है. पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बिल के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लेफ्ट पार्टियां 19 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगी.

नागरिकता बिल के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए असम और त्रिपुरा में होने वाले रणजी ट्रॉफी के मैच रद्द हो गए हैं.

प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कभी कहा करते थे चुनाव प्रचार में एक एक घुसपैठियों , बांग्लादेशियों को देश से बाहर कर देंगे अब कह रहे हैं उनको नागरिकता देंगे. बंगाल की कमुनिस्ट पार्टियों पर आरोप लगते रहे कि वोट बैंक के लिए अवैध बांग्लादेशियों को राशन कर दिया , मतदान पहचान पत्र बना कर दिया है.

मोदी सरकार तो उनको नागरिकता देने जा रही है देश में विरोध को कुचल कर!


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