डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने मंदिर में गलती से आए एक नाबालिक मुस्लिम बच्चे को पुलिस के हवाले कर दिया और आरोप लगाया की यह उन्हें मरने आया था। बच्चे की उम्र महज़ 10 वर्ष है। हालांकि पुलिस ने बच्चे को निर्दोष बताते हुए छोड़ दिया, लेकिन नरसिंहानंद सरस्वती ने बच्चे पर जो संगीन आरोप लगाए थे वह वाकई हैरान करने वाले है। यह मामला 10 अक्तूबर का है, लेकिन सोशल मीडिया पर मामला आज भी सुर्खियों में है।
वायरल विडियो में नरसिंहानंद के झूठे आरोप…
ग़ाज़ियाबाद का डासना देवी मंदिर पहले भी विवादों से घिरा रहा है। इस साल की शुरुआत में, एक मुस्लिम लड़के के साथ कथित तौर पर मंदिर परिस में मारपीट की गई थी, जब वह पानी पीने के लिए मंदिर परिसर में दाखिल हुआ था। मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती अक्सर अपने बड़बोलेपन और बेतुकी बातों से चर्चाओं में रहते है। उनकी मुस्लिम समुदाय के प्रति क्या विचारधारा है यह जगज़ाहिर है। अपने विवादित बयानों के कारण वह लोगो के आक्रोश का सामना करते जरूर हैं लेकिन आज तक बीजेपी सरकार में खुले आम इतने अपशब्द और अभद्रता करने के बाद भी उनके खिलाफ कोई एक्शन नही लिया गया।
आसिफ के बाद अब अनस आज 10/oct/21 को रेकी करते हुए मंदिर के अंदर पकड़ा गया ये मुसलमान के बच्चें ट्रेंड कातिल है और सुरक्षा के लिए लगाई पुलिस जाने कहाँ सोती रहती है जो मुसलमान उन्हें नही दिखाई देता है ।@myogiadityanath @ghaziabadpolice @dm_ghaziabad @igrangemeerut @Uppolice pic.twitter.com/JPUPivQ31L
— Yati Narsinghanand Saraswati (@NarsinghUvach) October 10, 2021
ताज़ा मामले में एक 10 वर्षीय मुस्लिम लड़के पर नरसिंहानंद ने आरोप लगाया है कि नाबालिग लड़कों को उनकी जासूसी करने के लिए भेजा गया था और मुस्लिम समुदाय ने बच्चे की उम्र के हत्यारों को प्रशिक्षित किया है। सोशल मीडिया पर इस घटना के एक वायरल वीडियो में, नरसिंहानंद द्वारा इन आरोपों को सुना जा सकता हैं। वीडियो में बच्चे का मंदिर मे आने को नरसिम्हनंद ने अपनी हत्या की साज़िश बताया है।
वीडियो में, पुजारी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बताना चाहते हैं कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। नरसिंहानंद को लड़के पर “रेकी” करने के लिए मंदिर परिसर में प्रवेश करने का आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है। साथ ही कहा कि उसे छुआ या थप्पड़ नहीं मारा गया।
ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने बच्चे पर लगे आरोप को बताया झूठा, लेकिन कार्रवाई नहीं..
आरोप के बाद 10 वर्षीय मुस्लिम लड़के को कथित तौर पर अनजाने में डासना देवी मंदिर में प्रवेश करने के बाद पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले जाया गया। ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने कहा कि लड़के को उसके बयानों की सत्यता की पुष्टि करने के बाद छोड़ दिया गया। उसने अपने बयान में पुलिस को बताया कि वह इलाके में मंदिर से सटे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भर्ती अपनी गर्भवती भाभी से मिलने आया था। उसने पुलिस को बताया कि वह गलती से मंदिर में घुस गया था और प्रबंधन ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने बच्चे पर लगे आरोप को झूठा तो ठहराया, लेकिन महंत के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। ऐसा क्यों ?
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— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) October 10, 2021
मंदिर में आने वाले भक्तों के पहचान पत्रों को तलाशने से मंदिर प्रबंधन कर रहा इंकार: पुलिस
पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police) ईराज राजा ने कहा कि लड़के का परिवार पिछले साल यहां आया था और वह इस क्षेत्र से परिचित नहीं था और इसलिए अनजाने में मंदिर में प्रवेश कर गया था। वहीं एसपी ने डासना देवी मंदिर प्रबंधन पर आरोप लगाया कि वह पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और पुलिस कर्मियों को नवरात्रि उत्सव के दौरान मंदिर में आने वाले भक्तों के पहचान पत्रों की तलाशी और जांच करने से मना कर रहा है। एसपी ने कहा कि पिछली घटनाओं के चलते हर आने-जाने वाले की कड़ी जांच की जा रही है। हालांकि पुजारी की सुरक्षा के लिए 50 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।