इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि पत्नी से जबरन प्राकृतिक या अप्राकृतिक सेक्स उसकी निजता का हनन और क्रूरता है.
जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एक महिला द्वारा दायर तलाक की याचिका पर जिला अदालत के एक आदेश को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें तलाक की अनुमति दी गई थी.
Forcible Sex Is An Illegal Intrusion In The Privacy Of Wife And Amounts To Cruelty: Allahabad HC [Read Judgment] https://t.co/AUTuYMD6Yk
— Live Law (@LiveLawIndia) May 25, 2019
पीड़ित पत्नी ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पति ने उनकी मर्जी के खिलाफ़ जबरदस्ती और क्रूरता के साथ अपनी हवस की भूख मिटाने के लिए अप्राकृतिक तरीके से सम्बन्ध बनाए.
पत्नी द्वारा दायर तलाक की याचिका के खिलाफ़ पति द्वारा दायर की गई अपील में न्यायालय की खंडपीठ ने केरल उच्च न्यायालय द्वारा बीनी टी जान बनाम साजी कुरुविला के मामले में दिए गये फैसले का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि अप्राकृतिक यौन संबंध वैवाहिक सम्बन्ध को ख़त्म करने का आधार है.
पूरा फैसला नीचे पढ़ा जा सकता है:
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