23 फरवरी को ‘पगड़ी संभाल’ दिवस मनाएंगे, उन्नाव मामले की निष्पक्ष जांच हो- संयुक्त किसान मोर्चा

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मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली की बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन आज 87वें दिन भी जारी रहा। इस बीच ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने 23 फरवरी को “पगड़ी संभाल दिवस” मनाने का आह्वान किया है। किसान मोर्चा ने कहा कि शहीद भगत सिंह के चाचा एवं “पगड़ी संभाल” आंदोलन के संस्थापक “चाचा अजीत सिंह” को याद करते हुए  किसानों के आत्मसम्मान में इस दिन को मनाया जाएगा।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि साप्ताहिक झांग सियाल के संपादक बांके दयाल द्वारा लिखित गीत “पगड़ी सम्भाल” ब्रिटिश राज के दौरान 1906 के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का अग्रदूत था। यह आन्दोलन चाचा अजीत सिंह ने उस वक़्त चलाया था, उसकी परछाई इस किसान आंदोलन में भी झलकती है। सभी किसानो से अपील है कि ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों पर चाचा अजीत सिंह के पोस्टर- बैनर लगाकर इस कार्यक्रम में भाग लें।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करता है। शिवाजी महाराज को एक महान योद्धा और कुशल रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है, जिनका शासन व प्रशासन सदैव जनता के हित में रहा। किसान नेताओ ने कहा कि शिवाजी महाराज हमारे लिए अद्भूत शौर्य और हिम्मत का प्रतीक है। चौतरफा शोषण के इस दौर में छत्रपति शिवाजी महाराज  इस संघर्ष के लिए हमारे प्रेरणादायक है।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने उत्तर प्रदेश के उन्‍नाव जिले में तीन दलित बहनों में से दो की खेत में हुई रहस्‍यमय मौत एवं एक की हालत नाजुक होने पर पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है। उत्तर प्रदेश की शासन-प्रशासन व्यवस्था एक बार फिर शक के घेरे में है जहां महिलाओं के लिए कोई भी सुरक्षित स्थान नहीं है। हम सरकार से मांग करते है कि पीड़ित को बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाए। हम इस घटना की उच्‍चस्‍तरीय निष्पक्ष जांच कराने तथा दोषियों को सख्‍त सजा दिलाने की मांग करते है।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा किसानों के खिलाफ दिए जा रहे बयानों की कड़ी निंदा की है। मोर्चा ने कहा कि अन्नदाता के संघर्ष का अपमान करना निंदनीय है। ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ कमल पटेल द्वारा दिये जा रहे बयानों पर उनको चेतावनी देता है कि वे किसानो के सब्र की परीक्षा न लें।

किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसानों की भागीदारी महापंचायतों के माध्यम से लगातार जारी है। इनके अलावा भी कई राज्यों से किसानों के दिल्ली धरनों में पहुंचने की तैयारिया जारी है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में भी किसानों व सभाओं में बढ़ोतरी जारी रहेगी।


‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से डॉ दर्शन पाल द्वारा जारी