मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन आज 92वें दिन भी जारी रहा। इस बीच ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के आह्वान पर आज ‘दमन प्रतिरोध दिवस’ मनाया गया, इसके तहत देशभर में सैंकड़ों स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किये गए। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ और इससे जुड़े कई संगठनों द्वारा आज राष्ट्रपति को पत्र भेजे गए। राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में तालुका और जिला स्तर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और उनके समर्थकों पर हो रहे अत्यचारों को खत्म करने की मांग की गई है।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने ‘टूलकिट’ मामले में दिशा रवि की जमानत पर हुई रिहाई का स्वागत किया गया है, और साथ ही न्यायमूर्ति धर्मेंद्र राणा के आदेश में व्यक्त किये विचारों की सराहना की है। किसान मोर्चे ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के खिलाफ तुरंत कारवाई की मांग की है, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि की गैर-कानूनी और गैर-सवैधानिक गिरफ्तारी के दौरान कई मापदंडों का उल्लंघन किया है।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा भाकपा (माले) के दिल्ली प्रदेश महासचिव रवि राय को डराने के लिए रची जा रही साजिश की भी आलोचना की है। मोर्चा ने कहा कि पुलिस ने किसानों के अखबार ‘ट्रॉली टाइम्स’ जुड़ी नवकीरत नत्त का पीछा किया, जो नियमों का सरासर उल्लंघन है।
किसान मोर्चा ने बिहार के सीतामढ़ी में ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के आह्वान पर रेल रोको प्रदर्शन में भाग ले रहे प्रदर्शनकारियों पर बिहार पुलिस द्वारा दर्ज कर और करवाई शुरू करने की कड़ी निंदा की है। किसान मोर्चे ने बिहार सरकार से इस प्रकार के सभी मामलों को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
इस बीच पूरे देश में किसान महापंचायतों का दौर जारी है। इन महापंचायतों में किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है। किसान मोर्चे ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों में किसान महापंचायतें लगातार जारी रहेंगी।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ द्वारा राष्ट्रपति को भेजा गया पत्र
श्री राष्ट्रपति महोदय,
भारत
विषय: किसान आंदोलन के दौरान जेलों में बंद निर्दोष किसानों की बिना शर्त रिहाई और झूठे केसों व जारी किए जा रहे नोटिस रदद् करने सम्बन्धी।
महोदय,
विनम्र निवेदन है कि पिछले छह महीनों से देश के किसान तीन कृषि कानूनों, बिजली बिल 2020 के खिलाफ और एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कुछ अन्य मांगों के लिए विभिन्न तरीकों से और विभिन्न स्तरों पर लड़ रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में, पिछले तीन महीनों से, किसान अनिश्चित काल के लिए दिल्ली के आसपास धरना लगाए हुए हैं, लेकिन सैकड़ों किसानों और आन्दोलन समर्थकों को भारत सरकार और कई राज्य सरकारों द्वारा जेलों में डाल दिया गया है और झूठे मामले बनाए गए हैं।
आज पूरे देश में दमन-विरोधी दिवस मनाते हुए, हम निम्नलिखित मांगों को जिला और तहसील अधिकारियों के माध्यम से आपके पास भेज रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आप इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करेंगे।
- जेलों में बंद निर्दोष किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को खारिज कर दिया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए।
- किसानों और उनके संघर्ष के समर्थक व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ में दर्ज झूठे पुलिस मामलों को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
- दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा संघर्ष में शामिल किसानों को डराने-धमकाने के लिए भेजे जा रहे नोटिस तुरंत रोके जाने चाहिएं और पहले के नोटिसों को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
- दिल्ली की सीमाओं पर किसान मोर्चाें की पुलिस की घेराबंदी के नाम पर, आम आदमी की बंद सड़कों को खोला जाना चाहिए।
सधन्यवाद,
‘संयुक्त किसान मोर्चा, शामिल संगठन और व्यक्ति
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से डॉ दर्शन पाल द्वारा जारी