संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली के सिंघू बार्डर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन पर आज तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की माँग के साथ भाजपा मुक्त भारत का आह्वन किया गया। मोर्चा की ओर से आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा गया कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसानों की विशाल रैली होगी और 25 सितंबर को ऐतिहासिक भारत बंद किया जायेगा। यूपी और उत्तराखंड के चुनावों में बीजेपी के सफ़ाये की रणनीति के साथ अब किसान मैदान में उतरेंगे।
किसान नेताओं ने बताया कि दिल्ली घेरेबंदी के 9 महीने पूरे होने पर यह दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें 22 राज्यों के तीन सौ से ज़्यादा संगठनों के तीन हज़ार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और दो दिनों में सौ से ज़्यादा साथियों ने विचार रखे। सम्मेलन में किसानों के अलावा ट्रेड यूनियनों, छात्रों, महिलाओं, युवाओं आदि से जुड़े संगठनों को भी आमंत्रित किया गया था ताकि एक साझा आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा सके।
सम्मेलन में तीनों कृषि कानूनों की अविलंब वापसी, एमएसपी गारंटी कानून, नये बिजली बिल की वापसी और प्रदूषण को लेकर किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई रोकने की माँग करते हुए प्रस्ताव पारित किये गये।
किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को कंगाल बना दिया है। कार्पोरेट के लिए देश को सजाया जा रहा है और उसके लिए खेती के पूरे प्रारूप को नष्ट किया जा रहा है। चार लेबर कोड बनाकर कार्पोरेट को मजदूर विरोधी नीति पर चलने की खुली छूट दे दी गयी है। शिक्षा को भी कार्पोरेट के हवाले कर दिया गया है। बेरोज़गारी चरम पर है। ऐसे में किसानों ने देश को बचाने का संघर्ष तेज़ किया है। मोदी सरकार और भाजपा नफरत का स्थायी विमर्श गढ़ रही है ताकि कार्पोरेट लूट का उसका खेल जारी रहे। मीडिया को खरीदकर दिन रात झूठा प्रचार कराया जा रहा है। लेकिन किसान बीजेपी की इस चाल को नाकाम करेंगे। मिशन यूपी और उत्तराखंड के तहत दोनों राज्यों में बीजेपी को हराने के लिए किसान व्यापक प्रचार करेंगे और जरूरत पड़ी तो 2024 तक आंदोलन जारी रखेंगे ताकि मोदी सरकार को उखाड़ फेंका जाये।
किसान नेताओं की पूरी प्रेस कान्फ्रेंस नीचे सुनिये–