आर्थिक संकट में घिरे श्रीलंका में जनता विद्रोह पर उतर आयी है। प्रधानमंत्री के आवास को आग के हवाले कर दिया गया है, वहीं राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के बारे में कुछ जानकारी नहीं मिल रही है। इस बीच दो मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। इस बीच सेना प्रमुख ने जनता से शांति बनाये रखने की अपील की है।
धार्मिक नफ़रत फैलाकर जबरदस्त समर्थन प्राप्त करने वाले राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के नेतृत्व में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की जैसी बदहाली हुई है उसने दुनिया को चौंका दिया है। हालात ने जनता को विद्रोह के लिए मजबूर कर दिया। 9 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को कब्जे में ले लिया। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। कोलंबो में उनके निजी आवास को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया।
राष्ट्रपति गोतबाया की ओर से 13 जुलाई तक इस्तीफा देने का ऐलान किया गया था, लेकिन लगता है कि विद्रोही इतना इंतजार करने को तैयार नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों के डर से राष्ट्रपति कल आर्मी हेडक्वार्टर चले गये थे, लेकिन आज वहाँ से निकल गये हैं। वे कहाँ छिपे हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
इस बीच श्रीलंका सरकार के दो मंत्रियों हरिन फर्नांडो और मानुषा ननायाक्करा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। श्रीलंका के सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने लोगों से शांति बनाये रखने और संकट को एकजुट होकर हल करने की अपील की है।
उधर, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि है कि वह मौजूदा स्थिति के समाधान की उम्मीद कर रहा है। बेल आउट पैकेज को लेकर जल्द बात शुरू होने की उम्मीद है।