यूपी: प्रदेश अध्यक्ष की रिहाई को लेकर सड़क पर उतरे कांग्रेसी, गिरफ्तारी में जुटी रही पुलिस

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतर आयी है। अजय कुमार लल्लू की जेल से रिहाई की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। प्रदेश के सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता गांधी प्रतिमा के सामने सुबह 11 बजे से मौन प्रतिवाद किया। अधिकांश जिलों में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।

यूपी कांग्रेस का कहना है कि अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गरीबों, प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के ‘अपराध’ में पिछले 25 दिनों से योगी सरकार ने जेल में डाल रखा है। उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। यूपी सरकार इतनी भयभीत है कि उसे मौन प्रतिवाद से भी डर लगता है। बड़े पैमाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं नेताओं कि गिरफ्तारी की गई हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय से गांधी प्रतिमा तक मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दौरान पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकताओं को हिरासत में ले लिया। कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए गांधी प्रतिमा के पास पहले से ही भारी पुलिस फोर्स तैनात थी।

 

वाराणसी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक अजय राय समेत सैकड़ों कार्यकर्ता गिरफ्तार हैं। अजय राय सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ वाराणसी के मैदागिन स्थित टाउनहाल में सांकेतिक मौन उपवास और धरना पर बैठे थे। कुछ देर में पुलिस वहां पहुंचीं और अजय राय समेत सभी कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का मुक्की भी हुई।

 

लखनऊ और वाराणसी के अलावा बिजनौर, गौतबुद्धनगर, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, फरुखाबाद, सुल्तानपुर, सहारनपुर इत्यादि शहरों में कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए हैं। अयोध्या, प्रतापगढ़, बांदा, सहारनपुर, गोरखपुर, सुलतानपुर, हरदोई और अंबेडकर नगर में भी बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौन प्रतिवाद में शामिल हुए।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर आरोप कि उन्होंने यूपी सरकार को वाहनों के नम्बर गलत दिए। इसी ‘अपराध’ में वो लखनऊ जेल में कैद हैं। दरअसल यूपी कांग्रेस ने अपने घरों को पैदल लौट रहे प्रवासियों की मदद करने के लिए अपनी तरफ से 1000 बसें चलाने का प्रस्ताव यूपी सरकार को दिया था। पहले 17 मई को तो सरकार ने प्रस्ताव को नकार दिया और यूपी की सीमा से 500 बसों को वापस भेज दिया। लेकिन 18 मई को सरकार ने कांग्रेस के प्रस्ताव स्वीकारते हुए वाहनों की लिस्ट के साथ चालकों-परिचालकों के नाम, बसों की फिटनेस व प्रदूषण प्रमाणपत्र के साथ बसों को लखनऊ लाने को कहा। इसी बीच सरकार ने कांग्रेस पर फर्जी लिस्ट देने का आरोप लगा दिया। और फर्जी लिस्ट देने के आरोप में अजय लल्लू जेल भेज दिए गए।


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