बात चीत के लिए केंद्र का बुलावा नही आने से नज़र किसानों ने आज बैठक का फैसला किया था। बैठक कर किसान संगठन आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाते इससे पहले ही केंद्र ने नई पहल कर दी। मंगलवार को केंद्र ने संयुक्त किसान मोर्चा को पांच लिखित प्रस्ताव भेजे। इसके बाद मोर्चा ने बैठक कर इन पर विचार किया, मोर्चे को सरकार का प्रस्ताव तो स्वीकार है लेकिन उन्होंने केंद्र की कुछ शर्तों पर सवाल उठाए हैं। हालांकि अभी आंदोलन खत्म करने की बात स्पष्ट नहीं हुई है। मोर्चा सरकार के भेजे प्रस्ताव को उसी तरह स्वीकार करेगा या उसमें कुछ बदलाओं की मांग होगी, इस बारे में बुधवार को केंद्र के प्रस्ताव पर मंथन के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।
हम सरकार की शर्त मानने को तैयार नहीं हैं, लेकिन…
बैठक के बाद मोर्चा ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। हमें गृह मंत्रालय से प्रस्ताव मिला है। सरकार का लिखित प्रस्ताव देना अच्छा है। आगे मोर्चा ने केंद्र के भेजे गए प्रस्ताव पर अपने सवालों को गिनाते हुए कहा, एमएसपी पर समिति को लेकर कुछ आपत्ति है। आंदोलन वापस लेने की शर्त पर भी आपत्ति है। मोर्चा ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि जब हम आंदोलन खत्म करेंगे तभी किसानों के खिलाफ केस वापस किया जाएगा। इसको लेकर हमें संदेह है। सरकार को तुरंत केस वापस लेना शुरू करना चाहिए। हम सरकार की शर्त मानने को तैयार नहीं हैं, लेकिन समिति के संबंध में हमारे कुछ प्रश्न भी हैं।
केंद्र द्वारा भेजे गए ड्राफ्ट पर पूर्ण सहमति नहीं…
आंदोलन की वापसी पर किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि बुधवार को दोपहर 2 बजे होने वाली बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। केंद्र द्वारा भेजे गए मसौदा प्रस्ताव पर पूर्ण सहमति नहीं है।
हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है, यहीं रहेगा…
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने प्रस्ताव दिया कि हमारी मांगों पर सरकार द्वारा सहमति जताने के बाद हमें अपना विरोध खत्म करना होगा, लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमें कुछ आशंकाएं हैं जिन पर कल दोपहर 2 बजे चर्चा की जाएगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है, यहीं रहेगा।
केंद्र सरकार के ड्राफ्ट समझौते के मुताबिक…
- एमएसपी पर बनने वाली समिति में संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्य शामिल होंगे।
- सरकार ने एक साल के भीतर किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का भी प्रस्ताव रखा है।
- ड्राफ्ट में पंजाब मॉडल पर मुआवजा देने की भी बात कही जा रही है।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक हरियाणा, यूपी सरकार केस वापस करने को तैयार हैं।
- इस ड्राफ्ट में सरकार ने पराली जलाने पर आपराधिक धाराएं खत्म करने की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई…
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के कारण दिल्ली और नोएडा के बीच सड़कों की नाकेबंदी के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई जनवरी 2022 तक के लिए टाल दी। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर मामले को स्थगित कर दिया।