BHU: फ़िरोज़ खान का संबंधी बताकर दलित शिक्षक पर छात्रों ने की जानलेवा हमले की कोशिश

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बनारस हिंदू युनिवर्सिटी में एक नया बवाल हो गया है। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में फ़िरोज़ खान की शिक्षक के पद पर नियुक्ति का विरोध कर रहे धरनारत छात्रों ने विभाग के एक असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शान्ति लाल सालवी को मारने के लिए पत्थर लेकर दौड़ा लिया। वे किसी तरह अपनी जान बचाकर निकले! आखिरी सूचना तक उन्होंने चीफ प्रॉक्टर के नाम लिखित शिकायत दर्ज करवा दी है और थानाध्यक्ष लंका को अग्रसारित कर दिया है।

डॉ. शान्ति लाल सालवी ने मीडियाविजिल को बताया कि वह और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उमाकांत धरनारत छात्रों के पास से गुजर रहे थे, तभी मनीष नामक छात्र और उसके साथियों ने उन्माहें रने के लिए करीब आधा किलोमीटर तक दौड़ा लिया। वे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर रहे थे और हाथ में पत्थर लिए हुए थे।

कुलपति के पास शिकायत दर्ज कराने पहुंचे सालवी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण के पीछे विभाग के ही एक शिक्षक कौशलेंद्र पांडे का हाथ है जिन्होंने छात्रों में यह अफ़वाह फैलायी है कि सालवी की पत्नी फ़िरोज़ खान की बहन हैं और फ़िरोज़ खान की नियुक्ति में सालवी का हाथ है। यह बात उन्होंने लिखित शिकायत में भी दर्ज करायी है कि पिछले कुछ साल से साहित्य के पूर्व विभागाध्यक्ष पांडे उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं।

सालवी ने मीडिया को बताया कि उनकी पत्नी का नाम सकीना है, वे हिंदू हैं और इसी विभाग से शाेध कर चुकी हैं। प्रोफेसर पांडे की फैलायी अफ़वाह नतीजा है कि छात्रों को इस बात का भ्रम है कि फ़िरोज़ खान को उन्होंने रखवाया है वरना उनकी नियुक्ति से सालवी का कुछ भी लेना देना नहीं है।

मंगलवार से संकाय में परीक्षा शुरू होने वाली है लेकिन फ़िरोज़ खान का विरोध कर रहे छात्रों ने आज विभाग में कामकाज ठप करवा दिया। छात्रों का कहना है कि यदि खान की नियुक्ति रद्द नहीं की गयी तो वे सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार करेंगे।

यह हाल में दूसरी बार है जब एक शिक्षक पर छात्रों द्वारा हमला किया गया है। इससे पहले मनोज वर्मा नाम के शिक्षक को छात्रों ने मारा था जिसकी जांच के लिए बाकायदा कमेटी बनी थी। विश्वविद्यालय में गत 28 जनवरी को आदिवासी शिक्षक मनोज कुमार वर्मा पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया था। आपराधिक हमले के बाद वर्मा का चरित्र हनन करने की नीयत से करीब 43 शिकायतें मुख्य आरक्षाधिकारी कार्यालय में उनके खिलाफ दर्ज कराई गई थी। इस मामले में बनी कमेटी ने कमेटी ने गत 16 फरवरी को विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय के नियमों के तहत दोनों हमलावर छात्रों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने गत 30 मार्च को जांच समिति की अनुशंसा के आधार पर आरोपी छात्र अनंत कुमार मिश्रा को अदालती कार्रवाई पुरी होने तक निलंबित कर विश्वविद्यालय की सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया था।

BHU: अनंत नारायण मिश्रा के निलंबन को HC ने निरस्त किया

मीडियाविजिल ने 4 दिसंबर को खबर दी थी कि मनोज वर्मा पर हमले के मुख्य आरोपी अनंत नारायण मिश्रा के निलंबन को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। अदालत ने युनिवर्सिटी के फैसले के निरस्तीकरण का असर यह हुआ है कि एक बार फिर छात्रों की मनमानी देखने में आज आयी है और एक दलित शिक्षक पर जानलेवा हमला होते−होते रह गया है।

ध्यान देने वाली बात है कि मनोज वर्मा के मामले में भी छात्रों को विभाग के भीतर से ही उकसाया गया था और सालवी के मामले में भी कौशलेंद्र पांडे नाम के शिक्षक की भूमिका सामने आयी है जिन्होंने फ़िरोज़ खान के संदर्भ में अफ़वाह फैला कर सालवी के खिलाफ़ छात्रों को भड़काया है।

आज की घटना के बाद बीएचयू में दलित, मुस्लिम और आदिवासी शिक्षकों के खिलाफ उच्च जाति के हिंदू शिक्षकों और छात्रों का यह सुनियोजित अभियान खुलकर अब सामने आ चुका है।

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